Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 05:00 PM
राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने कहा कि इस त्यौहारी मौसम में लोग पूरी तरह से परेशान और अलग - थलग महसूस कर रहे हैं, जो नोट बंदी और जी एस टी के बाद आर्थिक स्थिति को प्रदर्शित कर रहा है। शरद ने दावा किया कि गौरक्षा, घर वापसी और ‘लव जिहाद’ के नाम पर...
नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने कहा कि इस त्यौहारी मौसम में लोग पूरी तरह से परेशान और अलग - थलग महसूस कर रहे हैं, जो नोटबंदी और जीएसटी के बाद आर्थिक स्थिति को प्रदर्शित कर रहा है। शरद ने दावा किया कि गौरक्षा, घर वापसी और ‘लव जिहाद’ के नाम पर सांप्रदायिक ताकतों की सक्रियता के चलते लोग यहां पिछले तीन साल से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि त्यौहारी मौसम के मौके पर, खासतौर पर दिवाली पर, यह पहला मौका है जब आजाद भारत में लोग पूरी तरह से परेशान, असुरक्षित और अलग-थलग हैं। यह देश की आर्थिक स्थिति को प्रदर्शित करता है, जो नोटबंदी और जीएसटी के बाद प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। शरद ने कहा कि बाजार में मंदी है। कारोबारी और छोटे व्यापारी नाखुश हैं क्योंकि उनका कारोबार मंदा है।
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मतभेद होने के बाद उन्होंने पार्टी में अलग गुट बना लिया है। जदयू नेता ने कहा कि किसान अपनी उपज के लिए लाभकारी मूल्य की मांग कर रहे हैं, जबकि उपभोक्ता भी देश में मूल्यवृद्धि का सामना कर रहे हैं। शरद ने कहा कि सरकार लोगों की शिकायतों को लेकर ङ्क्षचतित नहीं है।