Edited By shukdev,Updated: 01 Sep, 2019 09:04 PM
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रहे लोग ‘राष्ट्र विहीन'' नहीं हैं और वे कानून के तहत मौजूद सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक अपने अधिकारों का पूर्व की तरह उपयोग करते रहेंगे। मंत्रालय ने कहा कि...
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (एमईए) ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रहे लोग ‘राष्ट्र विहीन' नहीं हैं और वे कानून के तहत मौजूद सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक अपने अधिकारों का पूर्व की तरह उपयोग करते रहेंगे। मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी से बाहर किए जाने से असम में एक भी व्यक्ति के अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और उन्हें पूर्व में प्राप्त किसी भी अधिकार से वंचित नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया एनआरसी की अंतिम सूची के कुछ पहलुओं के बारे में विदेशी मीडिया के एक वर्ग में आई टिप्पणियों के मद्देनजर आई है।
उल्लेखनीय है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘असम में रहने वाले किसी व्यक्ति के अधिकारों पर एनआरसी से बाहर किए जाने का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।'
मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में नहीं है उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा और कानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार होने तक उन्हें पहले की तरह ही सभी अधिकार मिलते रहेंगे।'उन्होंने कहा, ‘यह सूची से बाहर किए गए व्यक्ति को ‘राष्ट्र विहीन' नहीं बनाती है। यह कानूनी रूप से किसी व्यक्ति को ‘विदेशी' नहीं बनाती। वे पहले से प्राप्त किसी भी अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे।'