Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Jun, 2019 12:01 PM
जिला सांबा की घगवाल तहसील में गांव में दसीयां में कई सालों से बंद पड़े हुए सेना की फायरिंग रेंज को फिर से शुरू करने के फैसले पर लोगों ने कड़ा विरोध किया और सैकड़ों लोगों ने एक रैली निकालकर इस फायरिंग रेज (युद्ध अभ्यास) का जोरदार विरोध किया।
सांबा : जिला सांबा की घगवाल तहसील में गांव में दसीयां में कई सालों से बंद पड़े हुए सेना की फायरिंग रेंज को फिर से शुरू करने के फैसले पर लोगों ने कड़ा विरोध किया और सैकड़ों लोगों ने एक रैली निकालकर इस फायरिंग रेज (युद्ध अभ्यास) का जोरदार विरोध किया। बड़ी संख्या में लोग आधा दर्जन पंचायतों के सरपंच की नुमाइंदगी में दसीयां गांव में प्रदर्शन करते हुए सडक़ मार्ग की तरफ आने लगे लेकिन इस दौरान मौके पर जिला प्रशासन सांबा की तरफ से एडीसी विकास गुप्ता, डीएसपी सांबा और तहसीलदार घगवाल पहुंच गये और लोगों से बातचीत की।
स्थानीय लोगों का कहना था कि 1992 में इस गांव में सेना ने फायरिंग रेंज शुरू किया था जो कि वर्ष 2007 तक चलता रहा लेकिन इस दौरान गांव के 3 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों घायल हो गए और इस दौरान सेना ने उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया।
उन्होंने की युद्ध अभ्यास के दौरान लोगों को बहुत अधिक खतरा रहता है क्योंकि कोई व्यक्ति अगर मवेशी चराने के लिए गया तो उसके लिए खतरा बन रहा था जबकि गर्मियों का दौर चल रहा है और जंगलों को भी आग लगने का खतरा है इसलिए इस जगह पर फायरिंग रेंज नहीं बनने देंगे। वहीं मौके पर पहुंचे डीसी ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि जिला प्रशासन और सेना के उच्च अधिकारियों से इस मामले में बातचीत करके कोई उसका उचित हल निकाला जाएगा लोगों ने आखिरी चेतावनी देते हुए कहा कि इस जगह पर फायरिंग रेंज कभी नहीं बनने देंगे।