Edited By Yaspal,Updated: 24 Oct, 2018 07:59 PM
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया...
नेशनल डेस्कः सीबीआई में नंबर एक और नंबर दो वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को मंगलवार को मोदी सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है, जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने उनके तबादले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके साथ ही उन्होंने राफेल घोटाले की जांच को लेकर भी याचिका दायर की है। याचिका में सीबीआई अधिकारियों के तबादले रोकने की मांग की गई है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा है कि राफेल डील की जाच कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।
बता दें कि सीबीआई में नंबर 1 और नंबर 2 को लेकर पिछले कुछ दिनों से घमासान मचा हुआ है।अब इस मामले में विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया क्योंकि वह राफेल घोटाले के कागजात इकठ्ठा कर रहे थे। गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे घमासान को लेकर, दोनों अधिकारियों से सारे अधिकार वापस ले लिए गए हैं।
राहुल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सीबीआई चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकठ्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री का संदेश एकदम साफ है, जो भी राफेल (मुद्दे) के इर्द गिर्द आएगा- हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा।’’ राहुल ने दावा किया कि देश और संविधान खतरे में है। हालांकि, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया कि वर्मा को इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वह राफेल लड़ाकू विमान सौदे की जांच करना चाहते थे।
राहुल ने कहा कि वर्मा और अस्थाना को हटाने का सरकार का फैसला केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिशों पर आधारित है। कांग्रेस राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर अनियमितता होने का आरोप लगा रही है। वहीं, सरकार इन आरोपों को खारिज कर रही है।