Edited By Yaspal,Updated: 01 Jul, 2020 05:58 PM
चीनी कंपनियों और भारत के विभिन्न राज्यों एवं खास व्यापारिक घराने -अडानी समूह- के साथ हुए व्यापार समझौते रद्द करने संबंधी याचिका बुधवार को उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी। याचिकाकर्ता वकील सुप्रिया पंडित ने दोनों देशों के बीच जारी व्यापार नीति के...
नई दिल्लीः चीनी कंपनियों और भारत के विभिन्न राज्यों एवं खास व्यापारिक घराने -अडानी समूह- के साथ हुए व्यापार समझौते रद्द करने संबंधी याचिका बुधवार को उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी। याचिकाकर्ता वकील सुप्रिया पंडित ने दोनों देशों के बीच जारी व्यापार नीति के खुलासे के निर्देश देने की भी मांग न्यायालय से की है।पंडित जम्मू कश्मीर की निवासी हैं। याचिका में अडानी समूह, केंद्र सरकार, गुजरात सरकार एवं महाराष्ट्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है।
अडानी समूह ने एक भारतीय बंदरगाह की निर्माण इकाई में 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के लिए चीन की दिग्गज कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें गुजरात के मुंद्रा विशेष आर्थिक क्षेत्र में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह समझौता चीन की बड़ी कंपनी ईस्ट होप ग्रुप के साथ हुआ है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि कुछ राज्य सरकार को चीन की कंपनियों के साथ कारोबार करने की मंजूरी देने से देश में गलत संदेश जाएगा और हिन्दुस्तानियों की भावनाओं के साथ मजाक होगा।