अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में सतत गिरावट के बाद ही घटेंगे पेट्रोल, डीजल के दाम

Edited By Hitesh,Updated: 28 Nov, 2021 01:45 PM

petrol diesel prices will come down only after fall in international prices

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम यदि कुछ और दिन तक निचले स्तर पर बने रहते हैं, तभी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचे आएंगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि घरेलू स्तर पर खुदरा कीमतें 15 दिन के ‘रोलिंग'' औसत के आधार पर तय की जाती हैं। ऐसे में...

बिजनेस डेस्क: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम यदि कुछ और दिन तक निचले स्तर पर बने रहते हैं, तभी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचे आएंगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि घरेलू स्तर पर खुदरा कीमतें 15 दिन के ‘रोलिंग' औसत के आधार पर तय की जाती हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में सतत गिरावट के बाद ही यहां दाम घटेंगे। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें नवंबर में (25 नवंबर तक) मोटे तौर पर लगभग 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रही हैं। गत शुक्रवार को कच्चे तेल का दाम करीब चार डॉलर प्रति बैरल और घट गया था। उसके बाद ब्रेंट वायदा में बिकवाली से लंदन के आईसीई में इसकी कीमत छह डॉलर और घटकर 72.91 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई।

सूत्रों ने कहा कि यह कोविड के नए स्वरूप ओमीक्रोम की वजह से पैदा हुए डर की तत्काल प्रतिक्रिया लगती है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां... इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। लेकिन यह संशोधन पिछले पखवाड़े में औसत बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से होता है। इसलिए रविवार की कीमत पिछले 15 दिन के औसत से तय होगी। एक सूत्र ने कहा, ‘‘शुक्रवार को दरों में गिरावट से स्वाभाविक रूप से यह उम्मीद बन रही थी कि पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल के दाम घटेंगे। लेकिन खुदरा कीमतें ऐसे तय नहीं होतीं।

चूंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें नवंबर के अधिकांश दिनों में सीमित दायरे में रही हैं, ऐसे शुक्रवार को आई गिरावट से औसत मूल्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक सूत्र ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब कीमतों में गिरावट कुछ और दिन बनी रहेगी, तभी यहां पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे आएंगे।'' हाल में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित भारत जैसे प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को कम करने के संयुक्त प्रयास के तहत अपने रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल को जारी करने की घोषणा की थी। लेकिन इन घोषणाओं का भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।

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