Edited By Monika Jamwal,Updated: 27 Apr, 2019 02:35 PM
गत वर्ष सितंबर माह से लगातार पांच वर्ष के बकाया वेतन की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे वर्करों द्वारा आत्मदाह की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में आया है।
कठुआ : गत वर्ष सितंबर माह से लगातार पांच वर्ष के बकाया वेतन की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे वर्करों द्वारा आत्मदाह की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में आया है। पी.एच.ई. कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे वर्करों को समझाने के लिए पुलिस अमला मौके पर पहुंचा। डी.एस.पी. मुख्यालय निखिल रसगोत्रा, थाना प्रभारी अरविंद संब्याल ने मौके पर पहुंचकर वर्करों को समझाया। वर्करों के साथ उनके परिजन एवं अन्य परिवार के सदस्य भी धरने पर डटे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछले पांच सालों से उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है लेकिन समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा।
यूनियन के शिव नारायण ने कहा कि वे शांतिपूर्वक तरीके से हड़ताल पर हैं। निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर के अधिकारियों तक वे गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक माह की वेजिस आई थी जबकि सिविल ने पैसा जारी कर दिया जबकि मेकेनिकल विंग ने पैसा जारी नहीं किया। उन्होंने कहा कि बकाया पांच साल का है लेकिन हैरानगी है कि एक माह का वेतन जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नियमित करने सहित बकाया वेतन को लेकर पहल न हुई तो आंदोलन उग्र कर दिया जाएगा। उनका विश्वास देश के प्रधानमंत्री से लेकर राज्यपाल तक से उठ चुका है। अब वह और ज्यादा देर तक आश्वासन बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं, पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बात करते हुए वर्करों को आश्वासन दिया कि तीन दिनों के भीतर उनकी मांगों पर गौर होगा। विभाग के उच्चाधिकारियों ने मंगलवार तक बकाया वेतन जारी करने का आश्वासन वर्करों को दिया। जिसके बाद वर्कर शांत हुए परंतु वर्करों ने संघर्ष को जारी रखने के साथ साथ तमाम वर्करों से एकजुटता का आह्वान किया।