Edited By Monika Jamwal,Updated: 12 Dec, 2018 07:33 PM
सभी तरह की रूढिय़ों से ऊपर उठकर कश्मीर की होनहार सैमी आरा ने पूरे देश में राज्य का नाम रोशन किया है।
श्रीनगर : सभी तरह की रूढिय़ों से ऊपर उठकर कश्मीर की होनहार सैमी आरा ने पूरे देश में राज्य का नाम रोशन किया है। कैप्टन सैमी जम्मू कश्मीर की पहली कर्मिश्यल पायलट का सफर तय करने के बाद अब पहली महिला पायलट कमांडर बन गई हैं। नार्थ कश्मीर के बांडीपोरा जिले की सुंबल तहसील की सैमी पर सबको अभिमान हो रहा है। गुलाम मोहिउदीन और मुख्ता बेगम की बेटी पर पूरी रियासत नाज कर रही है।
सुबल से प्राइमरी तक की पढ़ाई करने के बाद सैमी ने हाजीन से पढ़ाई की। उसके माता पिता दोनो नौकरी करते थे और घर पर भी माहौल अच्छा मिला। उसके शिक्षकों की सैमी पहली पसंद हुआ करती थी। सैमी कहती हैं कि वह डाक्टर बनना चाहती थीं। उन्होंने बीएसई की पढ़ाई की और सुबल की पहली साइंस ग्रेजूएट बनी। उन्हें तब एयर होस्टेस की नौकरी करने का मौका मिला। बस यहीं से शुरू हो गई बुलंद हौसलों की उड़ान।
टैक्सास से ली ट्रेनिंग
सैमी ने उड्डयन क्षेत्र में ही कैरियर बनाने की ठान ली। उन्होंने टैक्सास से पायलट की ट्रेनिंग भी ली। तीन महीने के रिकार्ड पीरियड में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर सैमी ने पायलट का लाइसेंस लिया। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक कर्मिश्यल पायलट से शादी की और उनके दो बच्चे भी हैं। उनकी कामयाबी की कहानी कश्मीर में चर्चा का विषय बनी हुई है। हर किसी की जुबा पर पायलट सैमी का नाम है।