Edited By vasudha,Updated: 11 Aug, 2020 01:57 PM
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने का कि मैंने राजनीति को व्यक्तिगत नहीं बनाया, बस अपनी बात रखी। कांग्रेस में वापसी के बाद पायलट पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनीति में द्वेष, गलानी, दुर्भावना की कोई जगह नहीं होती है। मैंने हमेशा कोशिश...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मैंने राजनीति को व्यक्तिगत नहीं बनाया, बस अपनी बात रखी। कांग्रेस में वापसी के बाद पायलट पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनीति में द्वेष, गलानी, दुर्भावना की कोई जगह नहीं होती है। मैंने हमेशा कोशिश की है कि राजनीतिक संवाद हो, शब्दावली हो। बहुत सोच समझकर अपनी बातों को रखना चाहिए।
पायलट ने कहा कि मैंने अपने परिवार से कुछ संस्कार हासिल किए हैं। कितना भी मैं किसी का विरोध करुं किसी भी दल का नेता हो मेरा कट्टर दुश्मन भी हो। मैंने कभी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उन्हें निकम्मा बताने के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से मैं भी दुखी था। राजनीति में भाषा मर्यादित एवं बयानबाजी सोच समझकर की जानी चाहिए। कोई आदमी पार्टी से बड़ा नहीं होता और काम करने वाले को सम्मान मिलना चाहिए।
पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं और व्यक्तिगत रूप से मैंने उनका सम्मान ही किया है। लेकिन काम में अगर मुझे कुछ दिखेगा तो मैं उसपर विरोध जाहिर करूंगा यह मेरा अधिकार है। लेकिन जिस प्रकार की टिका टिप्पणी हुई उसपर मैं कोई कॉमेंट करुं यह ठीक नहीं है। बस इतना कहूंगा कि जो भी आरोप लगाए गए उसका सच सामने आ चुका है।
सचिन पायलट ने कहा कि मैंने पहले दिन ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं कांग्रेस में ही रहूंगा। हमने सबके सहयोग से सरकार बनाई। मुझे लगा कि सरकार और और संगठन मिलकर काम करेगी। वहीं इससे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं महासचिव प्रियंका गांधी तथा पार्टी को उनकी बात सुनने पर धन्यवाद देते हुए कहा था कि वह अपने विश्वास पर द्दढ़ हैं और बेहतर भारत के लिए काम करते रहेंगे।