चालीस साल पुरानी रावी तवी कनाल को फिर से जीवित करने की तैयारी

Edited By Monika Jamwal,Updated: 25 May, 2019 11:48 AM

plan to renovate ravi tawi canal

केंद्र व पंजाब सरकार के प्रयासों से शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट को मंजूरी के बाद रियासत का रावी तवी इरीगेशन विभाग भी हरकत में आया है।

 
 कठुआ (गुरप्रीत) : केंद्र व पंजाब सरकार के प्रयासों से शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट को मंजूरी के बाद रियासत का रावी तवी इरीगेशन विभाग भी हरकत में आया है। बसंतपुर से लेकर राज्य की हद में बहने वाली रावी तवी की करीब 81 किलोमीटर लंबी कनाल के अपग्रेडेशन, जीर्णोद्वार की तैयारी की जा रही है। करीब 600 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट को विभाग द्वारा बना दिया गया है जबकि इसकी मंजूरी के बाद रावी तवी कंडी सहित आसपास के इलाकों के खेतों की उर्जा में नई जान डालने का काम करेगी। 

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दरअसल रावी तवी कनाल कंडी के अधिकतर इलाकों को कवर करती है लेकिन फंड के अभाव में इसकी हालत दिन व दिन बदतर होती जा रही थी। चालीस साल पुरानी इस कनाल के लिए कोई विशेष फंड भी मुहैया समय समय पर नहीं करवाया गया। जिसके चलते इसकी हालत दिन व दिन बदतर हो गई। अब सरकार के प्रयासों से शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट की सहमति के बाद राज्य को उसके हिस्से का करीब 1150 क्यूसिक पानी मिलेगा। इस मिलने वाले पानी के हिस्से का सही लाभ मौजूदा समय में रावी तवी कनाल ही बदहाल स्थिति नहीं दे पाती। प्रोजेक्ट निर्माण को देखते हुए रावी तवी इरीगेशन विभाग भी नींद से जागा है और रावी तवी कनाल के जीर्णोद्वार और इसकी डिस्ट्रिीब्यूट्री की दशा को सुधारने के लिए विशेष प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। छह सौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद यह कनाल खेतों से एक तरह से फसलों को सोने के तौर पर निकालने में अहम कारगार साबित होगी। 
 
 

PunjabKesariमौजूदा समय में कनाल की बदहाल है स्थिति 
मौजूदा समय में इस कनाल की स्थिति काफी खराब है। जगह जगह पर झाडिय़ों के अलावा पेड़ उग आए हैं। यही नहीं कई स्थानों से तो टूटी नहर अंतिम छोर तक किसानों को पानी भी नहीं पहुंचाती। अधिकतर कंडी के किसानों ने इस नहर से तो किसी तरह की सिंचाई की आस ही छोड़ दी है। कंडी में लोगों को धान की फसल लगाए कई साल बीत गए होंगी। हां गेंहू की फसल को लगाया तो जाता है लेकिन फसल होगी या नहीं, यह कुदरत पर निर्भर है क्योंकि आसमान की ओर से बरसने वाले मेघ ही इस फसल की सिंचाई करते हैं। ऐसे में अगर रावी तवी कनाल का जीर्णोद्धार, नवीनीकरण और इसकी डिस्ट्रिीब्यूट्रियों की मरम्मत आदि की जाती है तो यकीनन इसका पानी हर किसान के खेत में पहुंच पाएगा। जिससे किसानों को भी लाभ होगा। 

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शाहपुर कंडी डैम से बदलेगी कंडी की सूरत, हजारों हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
शाहपुर कंडी डैम के निर्माण से ही रियासत जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार जिला कठुआ के अलावा सांबा की सूरत बदलेगी। शाहपुर डैम के निर्माण से यहां एक ओर पंजाब में पांच हजार हेक्टेयर के करीब भूमि सिंचित होगी। वहीं, जम्मू कश्मीर के कठुआ के कंडी के अलावा हीरानगर सब डिविजन के साथ साथ सांबा डिवीजन के कंडी इलाकों की भूमि सिंचित होगी। पंजाब की ओर से शाहपुर डैम से बसंतपुर तक एक नहर बनाई जाएगी जिसके बाद रावी तवी के माध्यम से 1150 क्यूसिक पानी की हिस्सा रियासत को मिल पाएगा। आपको बता दें कि रावी तवी कनाल कठुआ के बसंतपुर से लेकर सांबा के चक सलारिया तक जाती है। मौजूदा हालत 1150 क्यूसिक पानी लेने की नहीं है इसी के चलते विभाग ने इसे अपग्रेड करवाने को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया है। 

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तीन डिविजनों को मिलेगा लाभ
यह प्रोजेक्ट कठुआ, हीरानगर और सांबा , तीनों डिवीजनों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया। प्रोजेक्ट तैयार करने के बाद डी.पी.आर. भी सरकार को भेज दी गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत रावी तवी कनाल के अपग्रेड होने के बाद किसानों को पंजाब से मिलने वाली 1150 क्यूसिक पानी का हिस्सा मिलेगा, जिससे भूमि भी सिंचित होगी---- राकेश बाली, ए.ई.ई. रावी तवी इरीगेशन विभाग कठुआ। 
 
 

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