ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकतीः मोदी

Edited By Sonia Goswami,Updated: 29 Sep, 2018 01:09 PM

pm addressing the conference on academic leadership

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘शिक्षा के पुनर्जीवन पर अकादमिक नेतृत्व’ सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें शिक्षा एवं शोध गुणवत्ता, नवोन्मेष, उद्यमिता के आयाम, समावेशी कैम्पस, नैतिक शिक्षा, वित्तपोषण के विविध आयाम आदि के बारे में चर्चा की गई ।

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते तथा शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का संतुलित विकास करना है जो नवोन्मेष के बिना संभव नहीं है।  प्रधानमंत्री ‘‘पुनरुत्थान के लिए शिक्षा पर अकादमिक नेतृत्व’’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्राचीन तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में ज्ञान के साथ नवोन्मेष पर भी जोर दिया जाता था। नवोन्मेष के बिना व्यवस्था बोझ बन जाती है।’’  मोदी ने कहा कि इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि आज दुनिया में कोई भी देश, समाज या व्यक्ति एकाकी होकर नहीं रह सकता।   

उन्होंने कहा, ‘‘हमें ‘वैश्विक नागरिक और विश्व परिवार’ के दर्शन पर सोचना ही होगा। ये दर्शन हमारे संस्कारों में प्राचीन काल से ही मौजूद है।’’  उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा से उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उच्च समाधान भी उपलब्ध करती है।   मोदी ने कहा, ‘‘मेरा आग्रह है कि विद्यार्थियों को कालेज, यूनिर्विसटी के क्लास रुम में तो ज्ञान दें हीं, लेकिन उन्हें देश की आकांक्षाओं से भी जोड़े।’’  

    

PunjabKesari
उन्होंने कहा, ‘‘इसी मार्ग पर चलते हुए केंद्र सरकार की भी यही कोशिश है कि हम हर स्तर पर देश की आवश्यकताओं में शिक्षण संस्थानों को भागीदार बनाएं।’’   प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सोच के साथ सरकार ने ‘अटल टिंकरिंग लैब’ की शुरुआत की है। इसमें स्कूली बच्चों में नवोन्मेष की प्रवृत्ति बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।  मोदी ने कहा कि सरकार शिक्षा जगत में निवेश पर भी ध्यान दे रही है। शिक्षा का आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए ‘राइज’ यानी ‘रिवाइटलाइजेशन आफ इंफ्रास्ट्रक्चर इन एजुकेशन’ कार्यक्रम शुरु किया गया है।   

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है।’’  शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने हेफा यानी उच्चतर शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी की स्थापना भी की है जो उच्च शिक्षण संस्थाओं के गठन में आॢथक सहायता मुहैया कराएगी।   उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान का बजट भी बढ़ाने का निर्णय लिया है।  PunjabKesari

मोदी ने कहा, ‘‘हमने आईआईएम जैसे संस्थानों को स्वायत्ता देकर इसकी शुरुआत कर दी है। अब आईआईएम को अपने पाठ्यक्रम, शिक्षकों की नियुक्ति, बोर्ड मेंबर नियुक्ति आदि खुद तय करने की शक्ति मिल गई है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की इनमें अब कोई भूमिका नहीं होगी। भारत में उच्च शिक्षा से जुड़ा यह एक अभूतपूर्व फैसला है। लेकिन इस प्रकार के सकारात्मक बदलाव की चर्चा नहीं होती। विद्वतजन भी चुप रहते हैं। कहीं कुछ कहेंगे, तब मोदी के खाते में चला जायेगा।’’  यूजीसी के ग्रेड आधारित स्वायत्ता नियमन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना तो है ही, इससे उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनने में भी मदद मिलेगी।’’   

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!