महाबाहु-ब्रह्मपुत्र का शुभारंभ, PM मोदी बोले- नए पुल बनेंगे असम की लाइफ लाइन

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Feb, 2021 01:41 PM

pm laid foundation of mahabahu brahmaputra bridge

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम को एक बार फिर बड़ी सौगात देते हुए 'महाबाहु-ब्रह्मपुत्र' का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। इसके अलावा वे धुबरी फूलबाड़ी पुल की आधारशिला भी रखी और मजुली पुल के निर्माण का लिए भूमिपूजन भी किया। इस...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम को एक बार फिर बड़ी सौगात देते हुए 'महाबाहु-ब्रह्मपुत्र' का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। इसके अलावा वे धुबरी फूलबाड़ी पुल की आधारशिला भी रखी और मजुली पुल के निर्माण का लिए भूमिपूजन भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजीकल और कल्चरल इंट्रीग्रिटी को बीते वर्षों में सशक्त किया गया है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है। मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का भी तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने वाला है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ शुरु हो गई है। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी और असम के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे।PunjabKesari

पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश

  • ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरु किया गया है। ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा।
  • असम वासियों की वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमिपूजन के साथ ही पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला 8 किमी का ये पुल मजूली के हजारों परिवारों की जीवन रेखा बनेगा। ये ब्रिज आपके लिए सुविधा और संभावनाओं का सेतु बनने वाला है।
  • गुलामी के कालखंड में भी असम देश के सम्पन्न और अधिक राजस्व देने वाले राज्यों में से था।कनेक्टिविटी का नेटवर्क असम की समृद्धि का बड़ा कारण था। आजादी के बाद इस इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना जरूरी था, लेकिन इन्हें अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया।
  • अब असम का विकास प्राथमिकता में भी है, इसके लिए दिन रात प्रयास भी हो रहा है। बीते 5 वर्षों में असम की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं।

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कार्यक्रम में चार स्थानों नेमाटी, बिश्वनाथ घाट, पांडु और जोगीघोपा पर पर्यटन मंत्रालय की 9.41 करोड़ रुपए की सहायता से पर्यटक जेटी के निर्माण के लिए शिलान्यास भी शामिल है। ये जेटी रिवर क्रूज़ टूरिज्म को बढ़ावा देंगी, स्थानीय रोजगार पैदा करेंगी और स्थानीय व्यापार में वृद्धि करेंगी।

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