प्रधानमंत्री  के संसद भवन पर अशोक स्तंभ का अनावरण  पर ओवैसी ने जताई नारजगी, कहा- यह अधिकार लोकसभा स्पीकर का है

Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Jul, 2022 04:18 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। जिसपर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ऐतराज जताया उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद लोकसभा भवन के ऊपर अशोक स्तंभ के अनावरण नहीं कर...

नेशनल डेस्क:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। जिसपर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ऐतराज जताया उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद लोकसभा भवन के ऊपर अशोक स्तंभ के अनावरण नहीं कर सकते यह अधिकार लोकसभा स्पीकर का है। 

इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि संविधान में संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग अलग दर्शाया गया है। सरकार के प्रमुख के रूप में पीएम मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। यह लोकसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में आता है। स्पीकर सरकार के अधीन नहीं हैं। ओ

वैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी सरकार के मुखिया हैं, लोकसभा के नहीं। इसलिए उन्हें यह अनावरण नहीं करना था। 

वहीं अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह अशोक स्तंभ 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने कहा कि यह इस साल के आखिर में नये संसद भवन में कामकाज शुरू होने से पूर्व पहला बड़ा मील का पत्थर है। अधिकारियों के अनुसार, संसद का शीतकालीन सत्र नये भवन में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय प्रतीक को नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित किया गया है और इसे सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम के इस्पात के एक ढांचे का निर्माण किया गया है।

 वहीं अशोक स्तंभ अनावरण के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि मेरी संसद भवन के निर्माण में लगे श्रमजीवियों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमें उनके प्रयासों पर गर्व है और हमारे देश के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।'' जब एक श्रमिक ने प्रधानमंत्री के निर्माण स्थल पर आगमन पर प्रसन्नता जताते हुए उत्साहवश कहा कि यह भगवान राम के शबरी की कुटिया में आने जैसा है तो मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वाह, वाह। यह आपकी कुटिया है।

फिर उन्होंने कहा कि देश के हर गरीब व्यक्ति को भी यही लगना चाहिए कि यह उनकी कुटिया है। उन्होंने कहा कि आपने बहुत अच्छी बात कही है। जब उन्होंने मजदूरों से पूछा कि उन्हें क्या लगता है, वे एक भवन बना रहे हैं या इतिहास? तो उन्होंने सामूहिक रूप से कहा कि इतिहास'। प्रधानमंत्री ने श्रमिकों से संसद भवन के निर्माण में और अन्य किसी परियोजना के निर्माण में शामिल होने के अंतर के बारे में भी पूछा। श्रमिकों ने कहा कि उन्हें नये संसद भवन में काम करते हुए गौरव की अनुभूति होती है। मोदी ने मजदूरों का हाल-चाल पूछा और यह भी सवाल किया कि क्या उन्होंने कोविड-19 रोधी टीके लगवाये हैं। 

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