एक देश एक चुनाव पर बनेगी कमेटी, समिति में एक्सपर्ट होंगे शामिल

Edited By Yaspal,Updated: 20 Jun, 2019 05:17 AM

pm modi calls on all party meeting one country one election today

देश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल ज्यादातर दलों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का समर्थन किया, हालांकि वाम दलों और एआईएमआईएम के...

नई दिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल ज्यादातर दलों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का समर्थन किया, हालांकि वाम दलों और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ करार दिया। सूत्रों के मुताबिक माकपा, भाकपा और एआईएमआईएम ने इसका विरोध किया और कहा कि इससे देश के संघीय ढांचे को नुकसान होगा।
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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के केंद्र सरकार के विचार को असंवैधानिक तथा संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया कि यह देश में संसदीय प्रणाली की जगह पिछले दरवाजे से राष्ट्रपति शासन लाने की कोशिश है। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ज्यादातर सदस्यों ने एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर समर्थन दिया।

वहीं, भाकपा और माकपा ने थोड़ी बहुत मत-भिन्नता जाहिर की। उनका कहना था कि यह कैसे होगा, हालांकि उन्होंने एक राष्ट्र, एक चुनाव का सीधे तौर पर विरोध नहीं किया। सूत्रों ने बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार को इस बारे में सभी पक्षों से बात करनी चाहिए और यह बताना चाहिए कि इसे कैसे लागू किया जाएगा।

बैठक के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव पर प्रधानमंत्री जी का एजेंडा जनमत तैयार करने का है, थोपने का नहीं है।'' लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया। एक या दो लोगों ने विरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस पर सभी से बात की जाएगी।

इन पांच सूत्री एजेंडे पर चल रहा मंथनः

  • बैठक के एजेंडे में पहला मुद्दा संसद के दोनों सदनों में कामकाज को बढ़ाने का है। 
  • दूसरा मुद्दा ‘‘एक देश एक चुनाव'' है। 
  • एजेंडे में तीसरे स्थान पर आजादी के 75 साल पूरे होने पर नए भारत के निर्माण की कार्ययोजना बनाना है।
  • चौथे स्थान पर 150वीं गांधी जयंती के आयोजन की रूपरेखा शामिल किया है। 
  • बैठक के एजेंडे का पांचवां मुद्दा विकास की दौड़ में शामिल किए गये चुनिंदा ‘‘आकांक्षी जिलों'' में विकास कार्यो पर चर्चा शामिल है। 


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दोपहर बाद शुरू हुई बैठक में राजग के घटक दल शिवसेना के अध्यक्ष राज ठाकरे पार्टी का स्थापना दिवस होने के कारण शामिल नहीं हो सके। बैठक में मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार, आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले और अपना दल अध्यक्ष आशीष पटेल भी शामिल हुए। गैर राजग दलों में बीजद के अध्यक्ष नवीन पटनायक, एआईएमाईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी, पीपीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कान्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी भी शामिल हुए। 

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मायावती ने किया ट्वीट
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन भी बैठक में शामिल नहीं हुए। समझा जाता है कि तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के भी इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने की संभावना है। बुधवार को मायावती ने ट्वीट कर कहा कि अगर ईवीएम के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होती तो वह इसमें जरूर शामिल होती। सपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी एक देश एक चुनाव विचार के विरोध में है और पार्टी का कोई प्रतिनिधि इस बारे में होने वाली में शिरकत नहीं करेगा। सूत्रों के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के नेता राघव चड्ढा को पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में भेजने का फैसला किया। बैठक में टीआरएस की तरफ से चंद्रशेखर राव के पुत्र और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा वाम दलों की ओर से येचुरी और भाकपा के सुधाकर रेड्डी भी बैठक में शामिल हो रहे हैं। 

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