Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Dec, 2018 12:00 PM
तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो चुका है और केंद्र सरकार आज इसे राज्यसभा में पेश करेगी। इस बिल को राज्यसभा में पास कराना केंद्र के लिए बड़ी चुनौती है। दरअसल विपक्ष के पास राज्यसभा में बहुमत है।
नई दिल्लीः तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो चुका है और केंद्र सरकार आज इसे राज्यसभा में पेश करेगी। इस बिल को राज्यसभा में पास कराना केंद्र के लिए बड़ी चुनौती है। दरअसल विपक्ष के पास राज्यसभा में बहुमत है। वहीं बिल पेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में भाजपा नेताओं की बैठक बुलाई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी समेत अन्य बड़े नेता भी मौजूद रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रिपल तलाक पर वोटिंग के दौरान एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू राज्यसभा में गैर मौजूद रहेगी। दूसरी तरफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की मांग है कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए और इस संबंधी उन्होंने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखी है। 12 राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी, टीडीपी, TMC, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग रखी है। वहीं खबर है कि तमिलनाडु की AIADMK भी उन 12 पार्टियों के बीच शामिल है जो बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहती हैं जबकि अभी तक यही माना जा रहा था कि वह मोदी सरकार का इसमें समर्थन कर सकती है।
राज्यसभा में केंद्र की स्थिति
राज्यसभा में इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं। हालांकि भाजपा का सदन में संख्या बल ज्यादा है लेकिन वो बिना विपक्ष के सहयोग से संसद में बिल नहीं पास करवा सकती।
एनडीए की स्थिति
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास 97 सदस्य हैं जिसमें भाजपा के 73 और जेडीयू के 6 हैं, इसके साथ ही 5 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, 3 नामित सदस्य, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं।
विपक्ष का संख्याबल
विपक्ष का संख्याबल सरकार पर भारी है। विपक्ष के पास 115 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, TMC के 13, समाजवादी पार्टी के 13, TDP के 6, RJD के 5, CPM के 5, DMK के 4, BSP के 4, NCP के 4, आम आदमी पार्टी के 3, CPI के 2, JDS के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं। ऐसे में मोदी सरकार के लिए विपक्ष का साथ मिलना जरूरी है।