Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Mar, 2021 12:55 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घरेलू स्तर पर वाहनों, दूरसंचार उपकरणों और दवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का जिक्र करते हुए उद्योगों से कहा कि वह देश की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ दुनिया के लिए...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घरेलू स्तर पर वाहनों, दूरसंचार उपकरणों और दवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का जिक्र करते हुए उद्योगों से कहा कि वह देश की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ दुनिया के लिए भी सामान तैयार करें। मोदी ने अगले साल के बजट में PLI योजना को लेकर किए गए प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इसके लिए करीब दो लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यह योजना दूरसंचार क्षेत्र से लेकर वाहन और औषधि क्षेत्र के साथ ही कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण सहित 13 क्षेत्रों के लिए शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उद्योगों के अनुपालन बोझ को कम किया जा रहा है। ऐसे 6,000 के करीब अनुपालनों को कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और कपड़ा क्षेत्र में PLI योजना शुरू होने से समूचे कृषि क्षेत्र को फायदा होगा। उन्होंने उद्योगों से कहा कि वह उत्पादन में तेजी लाए और रोजगार के अवसर बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत कम करने, वैश्विक स्तर की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
वेबिनार में बोले पीएम मोदी
- भारत में आज जो विमान वैक्सीन की लाखों डोज लेकर दुनियाभर में जा रहे हैं, वो खाली नहीं आ रहे हैं। वो अपने साथ भारत के प्रति बढ़ा हुआ भरोसा, भारत के प्रति आत्मीयता, स्नेह और आशीर्वाद एक भावात्मक लगाव लेकर आ रहे है।
- भारत आज जिस नम्रता और कर्त्तव्यभाव से मानवता की सेवा कर रहा है, इससे पूरी दुनिया में भारत अपने आप में एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की साख और पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है।
- आपने कल ही देखा है कि भारत के प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है। भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में 70 से ज्यादा देश आए थे। और फिर U.N. General Assembly में ये प्रस्ताव, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।