PM मोदी ने किया देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन, Made In India ब्रिज से बढ़ेगी चीन की टेंशन

Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Dec, 2018 10:11 PM

pm modi inaugurates country s longest bridge

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में डिब्रूगढ़ के निकट बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया। मोदी असम के राज्यपाल जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ पुल पर कुछ मीटर तक चले।

बोगीबील(असम): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में डिब्रूगढ़ के निकट बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया। मोदी असम के राज्यपाल जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ पुल पर कुछ मीटर तक चले। विशाल ब्रह्मपुत्र नदी पर बना, सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह पुल अरूणाचल प्रदेश के कई जिलों के लिए कई तरह से मददगार होगा। डिब्रूगढ़ से शुरू होकर इस पुल का समापन असम के धेमाजी जिले में होता है। यह पुल अरुणाचल प्रदेश के भागों को सड़क के साथ-साथ रेलवे से जोड़ेगा। असम समझौते का हिस्सा रहे बोगीबील पुल को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी।
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तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस सप्ताह में पांच दिन चलेगी। इस पुल के निर्माण में 5,900 करोड़ रुपए का खर्च आया है। कुल 14 कोचों वाली यह चेयर कार रेलगाड़ी तिनसुकिया से दोपहर में रवाना होगी और नाहरलगुन से सुबह वापिसी करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह पुल अरूणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास रक्षा गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मेड इन इंडिया के इस पुल से चीन की टेंशन बढ़ सकती है। भारतीय सेना अब अपने भारी सैन्य सामान को इस पुल से दूसरी पार ले जा सकती है।
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अरुणाचल प्रदेश में चीन की चुनौतियों और सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही इस पुल का निर्माण किया गया और इससे भारतीय सैनिकों को काफी लाभ होगा। पीएम मोदी ने दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वर्षगांठ के अवसर पर इस बोगीबील पुल पर रेल आवागमन की शुरूआत की है।
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रेल-सड़क पुल की खासियत

  • एशिया के दूसरे सबसे लंबे रेल-सड़क पुल बोगीबील की मियाद कम से कम 120 वर्ष है।
  • ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 4.9 किलोमीटर लंबा पुल देश का पहला पूर्णरूप से जुड़ा पुल है।
  • असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच की यात्रा दूरी घट कर चार घंटे रह जाएगी। इससे पहले यात्रियों को रेल भी कई बार रेल बदलनी पड़ती थी।
  • दिल्ली से डिब्रूगढ़ रेल यात्रा समय तीन घंटे घट कर 34 घंटे रह जाएगा। इससे पहले यह दूरी 37 घंटे में तय होती थी।
  • यह पुल और रेल सेवा धेमाजी के लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि मुख्य अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ में हैं।
  • ईटानगर के लोगों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि यह इलाका नाहरलगुन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
  • यह पुल इतना मजबूत है कि इस पर भारी टैंक और सैनिकों का साजो सामान आसानी से ले जाया जा सकेगा।

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बता दें कि इस पुल की आधारशिला साल 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा ने रखी थी। इसके बाद 2002 में सबसे लंबा रेल-सड़क पुल का निर्माण शुरु हो सका।

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