Edited By vasudha,Updated: 12 Oct, 2018 10:57 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मानवाधिकार सिर्फ नारा नहीं, बल्कि संस्कार होना चाहिए। लोक नीति का आधार होना चाहिए। पीएम शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मानवाधिकारों को देश की संस्कृति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गरीबों और वंचितों की आवाका बनकर राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभायी है और अब उसे एक डेटा बेस बनाने तथा सोशल मीडिया से भी जुडऩे की भी जरुरत है। मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर विज्ञान भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
पीएम ने कहा कि मानवाधिकार केवल नारा नहीं है बल्कि यह एक संस्कार होना चाहिए और लोकनीति का आधार होना चाहिए। हमारी संस्कृति एवं परम्परा में नागरिकों के सम्मान और समानता को जगह दी गयी है। हमारी शासन व्यस्था की तीन इकाई है हमारे यहां एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका है, एक सक्रिय मीडिया है और एक नागरिक समाज भी है जो नागरिकों के मानवाधिकार की रक्षा करता हैं। उन्होंने पिछले चार साल में अपनी सरकार द्वारा आम लोगों को घर, बिजली, रसोई गैस और शौचालय की सुविधा देने का जिक्र करते हुए कहा कि हमने गरीब और वंचित लोगों को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार दिया है। यह उनका मानवाधिकार था।
मोदी ने कहा कि शौचालय न होने की स्थिति में गरीब बहुत अपमान झेलता था और गरीब बहनों को भी बहुत परेशानी उठानी पड़ती थी लेकिन उन्हें शौचालय के रूप में इज्कात घर प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि‘सबको कमाई, सबको पढ़ाई, सबको दवाई, सबकी सुनवाई’के जरिये लोगों को गरीबी से बहार निकला गया है। उन्होंने जनभागीदारी को सफलता का मूल मन्त्र बताया। पीएम ने आयुष्मान भारत कार्यक्रम, मुद्रा योजना तथा जन धन योजना का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अपनी नीतियों में मानवधिकार को मजबूत बनाया है।
प्रधानमंत्री ने तीन तलाक अध्यादेश के जरिये मुस्लिम महिलाओं के अधिकार की चर्चा व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त कि संसद में इसे पारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डाटा बेस बनने और ऑनलाइन का जरिये 17 हाजार से अधिक अदालतों को जोड़े जाने की जानकारी दी और मानवाधिकार आयोग को सोशल मीडिया से जुडऩे की भी सलाह दी। इस अवसर पर उन्होंने आयोग की नयी वेबसाइट और एक विशेष आवरण तथा एक डाकटिकट भी जारी किया। आयोग के अध्यक्ष एच एल दत्तु ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बुद्ध की एक प्रतिमा भी भेंट की।