सर्वे: PM मोदी आज भी जनता की पहली पसंद, दूसरे नंबर पर राहुल

Edited By vasudha,Updated: 04 Sep, 2018 12:01 PM

pm modi is public first choice

2019 के लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीति उथल-पुथल तेज हो गई है। सभी पार्टियां अपनी ओर से जीतने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटी हुई हैं। वहीं देश के लोगों की अब भी पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं...

नेशनल डेस्क:  2019 के लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीति उथल-पुथल तेज हो गई है। सभी पार्टियां अपनी ओर से जीतने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटी हुई हैं। वहीं देश के लोगों की अब भी पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं। यह खुलासा एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में हुआ है जिसमें 48 प्रतिशत  लोगों ने देश को आगे ले जाने के लिए अपने नेता के तौर पर पीएम मोदी पर ही भरोसा जताया है।
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11 प्रतिशत लोगों की पसंद राहुल गांधी
जाने माने चुनाव रणनीतिकार और 2014 में मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) की ओर से ऑनलाइन सर्वे किया गया। 55 दिनों तक चले इस सर्वे में देश के 712 जिलों के 57 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे में पूछा गया कि वो कौन नेता है जो देश का एजेंडा आगे ले जा सकता है? सर्वे के अनुसार पीएम मोदी 48 प्रतिशत लोगों की पसंद बने हैं, दूसरे नंबर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं जो 11 प्रतिशत लोगों की पसंद है।

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तीसरे नंबर पर केजरीवाल 
वहीं 9.3 प्रतिशत वोट के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, 7 प्रतिशत वोट के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेख यादव, 4.2 प्रतिशत वोट के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और 4.1 प्रतिशत वोट के साथ बसपा अध्यक्ष मायावती रहीं। इस सर्वेक्षण में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कई अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक चेहरों को जगह दी गई थी।

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युवाओं तक पहुंचने का प्रयास 
यह सर्वेक्षण किशोर से जुड़ी सिटीजंस फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस की ओर से 2013 में कराए गए सर्वेक्षण के समान है, जिसमें मोदी को देश का सबसे पसंदीदा नेता बताया गया था। आईपैक के सदस्यों का कहना है कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य इंटरनेट तक पहुंच वाली आबादी तक पहुंचना था। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि यह ऑनलाइन सर्वे है और इसकी अपनी बंदिशें हैं, क्योंकि देश का एक बड़ा हिस्सा, विशेषतौर पर ग्रामीण भारत का इस तरह के सर्वे में शामिल होना मुश्किल है। 

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जानिए कौन है प्रशांत किशोर
2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अचानक चर्चा में आए प्रशांत किशोर को बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है। वह इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी नाम का संगठन चलाते हैं जो लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है। 2014 में भाजपा का साथ छोडऩे के बाद प्रशांत किशोर ने 2015 में बिहार चुनाव के लिए नीतीश-लालू के महागठबंधन से हाथ मिला लिया था। इसके बाद साल 2017 में ङ्घस्क्रष्ट से जुड़ गए। 

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