किसान कानून पर बोले पीएम मोदी, कृषि को मजबूत बनाने के लिए कदम उठा रही सरकार

Edited By Yaspal,Updated: 24 Oct, 2020 05:56 PM

pm modi on farmers law government is taking steps to strengthen agriculture

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार देश में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये कदम उठा रही है ताकि किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब किसान समूह और विपक्षी दल नए कृषि...

अहमदाबादः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार देश में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये कदम उठा रही है ताकि किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब किसान समूह और विपक्षी दल नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने नयी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये गुजरात में कृषि, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यटन विकास से संबंधित तीन परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, ''किसानों की आय दोगुनी करने और उत्पादन लागत तथा उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिये हमें बदलते समय के साथ अपने प्रयासों को भी बढ़ाना होगा।''

मोदी ने कहा, ''चाहे किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने की आजादी देना हो, हजारों किसान उत्पादन संगठनों का गठन हो, रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं का पूरा करना हो, फसल बीमा योजना में सुधार हो, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग हो या फिर मृदा स्वास्थ्य कार्ड हो...सभी का लक्ष्य कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना है ताकि किसानों के खेती में कोई दिक्कत न आए। इस प्रकार की पहल लगातार की जा रही हैं।''

इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुजरात के किसानों को सिंचाई और कृषि से संबंधित कार्यों के लिये दिन के समय बिजली मुहैया कराने के लक्ष्य के साथ 'किसान सूर्योदय योजना' की शुरुआत की। इसके अलावा उन्होंने अहमदाबाद के यू एन मेहता हृदयरोग विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 470 करोड़ रुपये की लागत से तैयार बाल हृदय रोग अस्पताल का भी उद्घाटन किया। मोदी ने अहमदाबाद में प्रमुख तीर्थस्थल जूनागढ़ शहर के निकट गिरनार पर्वत में 2.3 किलोमीटर लंबी रोप-वे परियोजना का भी उद्घाटन किया। इसे एशिया का सबसे लंबा मंदिर रोपवे बताया जा रहा है।

इस दौरान मोदी ने अपने संबोधन में रोप-वे परियोजना के पूरे होने में देरी को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 1983 में पेश की गई थी। कई वजहों, मुख्य रूप से पर्यावरण चिंताओं के चलते इसमें देरी होती गई। 2011 में संप्रग सरकार ने इसे सशर्त मंजूरी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, ''अगर उन्होंने गिरनार रोपवे की राह में रोड़े न अटकाए होते तो इसका काम वर्षों तक न रुका रहता। लोगों और पर्यटकों को काफी समय पहले ही इसका लाभ मिलना शुरू हो जाता। '' उन्होंने कहा, ''एक देशवासी के तौर पर हमें ऐसी (गिरनार रोपवे) जन महत्व की परियोजनाएं लंबे समय तक रुके रहने से देश को लोगों को होने वाले नुकसान के बारे में सोचना चाहिये।'' मोदी ने कहा कि नयी परियोजना से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को फायदा होगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिये नयी नौकरियों का भी सृजन होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ''और अधिक लोग तभी (एक स्थान की) यात्रा करेंगे जब पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। पर्यटक ठहरने और यात्रा करने में आसानी चाहते हैं।'' उन्होंने कहा, ''सरदार साहेब (वल्लभ भाई पटेल) को समर्पित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखिये। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बड़ी संख्या में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गई है। 45 लाख से अधिक लोग यहां आ चुके हैं। इतने कम समय में यह वाकई बड़ी उपलब्धि है। इसे (हाल ही में) दोबारा खोल दिया गया है और (पर्यटकों की) संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।''

'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन अक्टूबर 2018 में किया गया था। किसान सूर्योदय योजना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ''किसानों को पानी बचा कर 'पर ड्रॉप, मोर क्रॉप' यानी प्रति बूंद, अधिक फसल का मंत्र अपनाना चाहिये।'' उन्होंने कहा, ‘‘अब जब किसानों को दिन में भी बिजली मिलेगी तो उन्हें अधिक पानी बचाने पर भी जोर देना चाहिये।''

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