Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Jun, 2018 10:34 AM
हिन्द प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मलक्का जलडमरूमध्य के दोनों ओर बसे इंडोनेशिया एवं सिंगापुर के साथ बेहद अहम रक्षा समझौतों के साथ चीन की घेराबंदी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पूरी करके शनिवार शाम...
नई दिल्ली: हिन्द प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मलक्का जलडमरूमध्य के दोनों ओर बसे इंडोनेशिया एवं सिंगापुर के साथ बेहद अहम रक्षा समझौतों के साथ चीन की घेराबंदी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पूरी करके शनिवार शाम स्वदेश लौट आए। मोदी ने सिंगापुर से दोपहर को रवाना होने से पहले सिंबेक्स के 25वें वर्ष के मौके पर चांगी नौसैनिक अड्डे का दौरा किया और भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं को बधाई दी। वह भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सतपुड़ा पर गए और भारतीय नौसैनिकों से भेंट की। उन्होंने सिंगापुर के नौसैनिक अधिकारियों से भी अलग से भेंट की। इसके बाद वह स्वदेश रवाना हुए थे। मोदी 29 मई को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे थे और 31 मई को मलेशिया में संक्षिप्त प्रवास पर वहां के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से भेंट करके सिंगापुर पहुंचे थे।
मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ द्विपक्षीय बैठकों में रक्षा एवं आर्थिक सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इंडोनेशिया में 30 मई को मोदी एवं विडोडो की द्विपक्षीय शिखर बैठक में भारत और इंडोनेशिया ने अपने रक्षा सहयोग समझौते का नवीनीकरण करने के साथ ही अंतरिक्ष, रेलवे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के 15 करारों पर हस्ताक्षर किए थे। भारत ने मलक्का जलडमरूमध्य के निकट सबांग द्वीप पर विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र में निवेश के करार पर भी हस्ताक्षर किए हैं। खास बात यह है कि सबांग बंदरगाह में 40 मीटर की गहराई होगी जो पनडुब्बी समेत किसी भी तरह के जहाज के लिए मुफ़ीद होगी।