Edited By Yaspal,Updated: 22 Jun, 2019 10:36 PM
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की महात्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना अपने निर्धारित समय से काफी पीछे चल रही है। इसके लिए जरूरी जमीन का अभी तक अधिग्रहण नहीं हो पाया है। बुलेट ट्रेन के लिए अभी तक 39 फीसदी...
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की महात्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना अपने निर्धारित समय से काफी पीछे चल रही है। इसके लिए जरूरी जमीन का अभी तक अधिग्रहण नहीं हो पाया है। बुलेट ट्रेन के लिए अभी तक 39 फीसदी जमीन का ही अधिग्रहण हो पाया है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज की तारीख तक केवल 39 फीसदी जमीन का ही अधिग्रहण हो पाया है। NHSRCL ने महाराष्ट्र और गुजरात में 1387 हेक्टेयर जमीन में केवल 537 हेक्टेयर जमीन का ही अधिग्रहण हो सका है।
गुजरात में 940 हेक्टेयर में से 471 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित हुई है, जबकि महाराष्ट्र में 421 हेक्टेयर में से केवल 66 हेक्टेयर जमीन का ही अधिग्रहण हो पाया है। दादर और नागर हवेली में नौ हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जिसमें से एक हेक्टेयर जमीन भी अभी तक सरकार अधिग्रहित नहीं कर पाई है।
केंद्र सराकर ने दिसबंर 2018 तक भूमि अधिग्रहण का काम पूरा करने के लिए समय सीमा निश्चित की थी, जो बहुत पहले बीत चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को 208 किमी लंबी अहमदाबाद-मुंबई हाइस्पीड रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।
इस परियोजना की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए (करीब 17 अरब डॉलर) है। जापान इस परियोजना का कुछ व्यय खुद उठाने वाला है। अधिकारी ने बताया है कि रेलवे ने सुरंग बनाने के लिए, डबल लेन हाईस्पीड रेलवे ने परीक्षण और कमीशनिंग के लिए टेंडर निकाले हैं।