Edited By Yaspal,Updated: 25 Jul, 2022 06:24 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विचारधारा अपनी जगह लेकिन देश पहले होना चाहिए। उन्होंने किसी राजनीतिक दल का बिना नाम लिए विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विचारधारा अपनी जगह लेकिन देश पहले होना चाहिए
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विचारधारा अपनी जगह लेकिन देश पहले होना चाहिए। उन्होंने किसी राजनीतिक दल का बिना नाम लिए विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विचारधारा अपनी जगह लेकिन देश पहले होना चाहिए। विचारधाराओं से पहले देश और समाज है। किसी पार्टी या व्यक्ति का विरोध देश विरोधी न हो जाए। ये हर राजनीतिक पार्टी की जिम्मेदारी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक स्वार्थों को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हुआ है। कई बार तो सरकार के कामों में विपक्ष के कुछ दल इसलिए अड़ंगे लगाते हैं क्योंकि जब वो सत्ता में थे, तो अपने लिए फैसले वो लागू नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि ये हर एक राजीतिक पार्टी का दायित्व है कि दल का विरोध, व्यक्ति का विरोध देश के विरोध में न बदले। विचारधाराओं का अपना स्थान है और होना चाहिए। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, तो हो सकती हैं। लेकिन, देश सबसे पहले है, समाज सबसे पहले है। राष्ट्र प्रथम है।
मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जब देश के लोकतंत्र को कुचला गया तो सभी प्रमुख पार्टियों ने, हम सबने एक साथ आकर संविधान को बचाने के लिए लड़ाई भी लड़ी। चौधरी हरमोहन सिंह यादव जी भी उस संघर्ष के एक जुझारू सैनिक थे। हमारे यहां देश और समाज के हित, विचारधाराओं से बड़े रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि, हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक स्वार्थों को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हुआ है। कई बार तो सरकार के कामों में विपक्ष के कुछ दल इसलिए अड़ंगे लगाते हैं क्योंकि जब वो सत्ता में थे तो अपने लिए फैसले वो लागू नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि दलों का अस्तित्व लोकतन्त्र की वजह से है, और लोकतन्त्र का अस्तित्व देश की वजह से है। हमारे देश में अधिकांश पार्टियों ने, विशेष रूप से सभी गैर-काँग्रेसी दलों ने इस विचार को, देश के लिए सहयोग और समन्वय के आदर्श को निभाया भी है।