Edited By Pardeep,Updated: 15 Sep, 2024 07:24 AM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि विपक्षी पार्टी का ‘‘शाही परिवार' दलितों के लिए आरक्षण को खत्म करना चाहता है। मोदी ने कहा कि जब तक वह सत्ता में हैं, वह बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण के...
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि विपक्षी पार्टी का ‘‘शाही परिवार'' दलितों के लिए आरक्षण को खत्म करना चाहता है। मोदी ने कहा कि जब तक वह सत्ता में हैं, वह बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण के एक अंश को भी लूटने या हटाने की इजाजत नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने पांच अक्टूबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पूर्व हरियाणा में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही।
कुरुक्षेत्र जिले में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने राज्य में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान हुई कुछ घटनाओं का जिक्र किया और उपस्थित लोगों से पूछा, ‘‘कांग्रेस के दलित विरोधी चेहरे को हरियाणा से बेहतर कौन जान सकता है?'' उन्होंने गांधी परिवार पर देश में ‘‘सबसे बड़ी दलित विरोधी, ओबीसी विरोधी और आदिवासी विरोधी'' ताकत होने का आरोप लगाया।
कांग्रेस अगर सत्ता में आए तो दलितों और वंचितों के लिए आरक्षण खत्म कर देगीः मोदी
मोदी ने दावा किया, ‘‘अब उन्होंने कहा है कि अगर वे सत्ता में आए तो दलितों और वंचितों के लिए आरक्षण खत्म कर देंगे। यह इस परिवार की सच्चाई है।'' उन्होंने दावा किया कि गांधी परिवार हमेशा आंबेडकर से ‘‘नफरत'' और आरक्षण का कड़ा विरोध करता रहा है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग और आदिवासियों का अपमान किया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस पर हमला करते हुए कह रही है कि राहुल गांधी अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के खिलाफ हैं और इस प्रावधान के खिलाफ उनका पूर्वाग्रह हाल में अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान खुलकर सामने आ गया।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू मोदी ने साधा निशाना
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने छात्रों से बातचीत में कहा था कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी और अभी ऐसा नहीं है। उनकी इस टिप्पणी के बाद से भाजपा कांग्रेस पर हमले कर रही है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए मोदी ने दावा किया कि उन्होंने भी आरक्षण का विरोध किया था।
नेहरू ने काकासाहेब कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया थाः मोदी
मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने इस संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था। इसके सबूत हैं। नेहरू जी ने कहा था कि अगर आरक्षण के कारण लोगों को नौकरी मिलती है तो सरकारी सेवा की गुणवत्ता गिर जाएगी। ये नेहरू जी के शब्द थे।'' उन्होंने दावा किया कि नेहरू ने ओबीसी आरक्षण पर काकासाहेब कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उन्होंने कहा कि नेहरू की बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी ओबीसी आरक्षण को रोक दिया था। मोदी ने दावा किया कि मंडल आयोग का गठन जनता पार्टी सरकार के तहत किया गया था, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में लौटी, तो उसने आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राजीव जी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) ने भी ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलने दिया।''
मोदी ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट वी पी सिंह सरकार के दौरान लागू की गई थी, जिसे भाजपा का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने दावा किया, ‘‘संसद में विपक्ष के नेता के रूप में राजीव गांधी ने आरक्षण का विरोध किया था। एक साक्षात्कार में उन्होंने आरक्षण पाने वालों को बुद्धू करार दिया था।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘‘अब कांग्रेस का शाही परिवार फिर से आरक्षण खत्म करने पर जोर दे रहा है। लेकिन कांग्रेस को मेरी बात ध्यान से सुननी चाहिए। जब तक मोदी है, मैं बाबा साहब आंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण का एक अंश भी लूटने या खत्म नहीं होने दूंगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण बरकरार रहेगा। यह मोदी की गारंटी है और हम इसके लिए लड़ेंगे।''