छात्रों को पीएम मोदी का मंत्र, कहा- अब How to think पर करो फोकस

Edited By vasudha,Updated: 07 Aug, 2020 11:33 AM

pm modi to give his views on india education policy

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘‘उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों'''' पर आयोजित एक सम्‍मेलन में उद्घाटन भाषण देंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि इस सम्‍मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘‘उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों'' पर आयोजित एक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का Implementation भी होगा। 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है

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देशभर में हो रही इसकी चर्चा

  • आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपने views दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को Review कर रहे हैं।
  • ये एक Healthy Debate है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा।
  • ये भी खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का Bias है, या किसी एक ओर झुकी हुई है।
  • कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना स्वभाविक है कि इतना बड़ा Reform कागजों पर तो कर दिया गया, लेकिन इसे जमीन पर कैसे उतारा जाएगा। यानि अब सबकी निगाहें इसके Implementation की तरफ है। 

 

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लोगों की भूमिका अहम 

  • आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के implementation से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत ज्यादा अहम है।
  • हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी National Values के साथ जोड़ते हुए, अपने National Goals के अनुसार Reform करते हुए चलता है।
  • हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी नेशनल वैल्यूज़ के साथ जोड़ते हुए, अपने नेशनल गोल्स के अनुसार रिफॉर्म करते हुए चलता है। 
  • मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा व्यवस्था, अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को फ्यूचर रेडी रखे, फ्यूचर रेडी करे।

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में नई शिक्षा नीति-2020 की घोषणा कर देश की 34 साल पुरानी, 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया। नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में इस तरह के सुधार करना है कि देश दुनिया में ज्ञान की ‘सुपरपॉवर' कहलाए। शिक्षा नीति के तहत पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में होगी, बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को इसमें कुछ कम किया गया है, विधि और मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य सभी विषयों की उच्च शिक्षा के एक एकल नियामक का प्रावधान है, साथ ही विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए समान प्रवेश परीक्षा की बात कही गई है।  पुरानी नीति के 10+2 (दसवीं कक्षा तक, फिर बारहवीं कक्षा तक) के ढांचे में बदलाव करते हुए नई नीति में 5+3+3+4 का ढांचा लागू किया गया है। इसके लिए आयु सीमा क्रमश: 3-8 साल, 8-11 साल, 11-14 साल और 14-18 साल तय की गई है। एम.फिल खत्म कर दिया गया है और निजी तथा सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए समान नियम बनाए गए हैं। 

 

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