Edited By Pardeep,Updated: 04 Apr, 2018 09:40 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मधेपुरा में नवनिर्मित इंजन कारखाना10 अप्रैल राष्ट्र को सर्मिपत कर सकते हैं। साथ ही वह वहां एसेंबल किए गए उच्च शक्ति वाले पहले विद्युत रेल इंजन कोरिमोट कंट्रोल से झंडीदे कर कारखाने रवाना करेंगे। रेल सूत्रों ने यह...
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मधेपुरा में नवनिर्मित इंजन कारखाना10 अप्रैल राष्ट्र को सर्मिपत कर सकते हैं। साथ ही वह वहां एसेंबल किए गए उच्च शक्ति वाले पहले विद्युत रेल इंजन कोरिमोट कंट्रोल से झंडीदे कर कारखाने रवाना करेंगे। रेल सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मोदी उस दौरान स्वच्छ भारत मिशन के हिस्से‘ चलो चंपारण अभियान’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मोतिहारी में होंगे। वहीं से वह मधेपुरा के नवस्थापित कारखाने में बने पहले12,000 अश्व शक्ति( हार्स पावर) क्षमता के बिद्युत चालित रेल इंजन कोरिमोट कंट्रोल से रवाना करने का संकेत देंगे। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का उस समय चंपारण में रहने का कार्यक्रम है और अन्य बातों के अलावा मधेपुरा में पहला इलेक्ट्रिक इंजन कारखानेके पहले इंजन के प्रस्थान की घोषणा उसका हिस्सा हो सकता है।’’
रेलवे तथा फ्रांस की कंपनी एल्सताम की साझेदारी में में यहदेश में पहला संयुक्तरेल इंजन कारखाना है। इसके लिए2015 में समझौता हुआ और रेल क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। परियोजना के तहत संयुक्त उद्यम कंपनी इसमें1,300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रही है। इसमें रेलवे26 प्रतिशतकी भागीदार है और 100 करोड़ रुपयेकी शेयरपूंजी का योगदान कर रही है। भारतीय रेल इस कारखाने से 11 साल में 800 इंजन खरीदेगी।
वर्ष 2019 तक पहले पांच इंजन एसेंबल किये जाएंगे जबकि शेष 800 इंजन का विनिर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया जाएगा। कारखाने में2021-22 से सालाना 100 इलेक्ट्रिक इंजन का विनिर्माण किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक20,000 करोड़ रुपये से अधिक अनुमानित लागत वाले इस कारखाने में35 से अधिक इंजीनियरों का दल दिन- रात इंजन एसेंबल के काम में लगा है। लगभग250 एकड़ क्षेत्र में फैली कारखाने की आधारशिला 2007 में रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रखी थी।