Edited By Tanuja,Updated: 21 Mar, 2022 01:40 PM
बेहद खतरनाक हालात पर पहुंच चुके यूक्रेन और रूस युद्ध को लेकर ज्यादातर देश यही उम्मीद लगा रहे हैं कि अब ये संघर्ष जल्द खत्म हो जाना
इंटरनेशनल डेस्कः बेहद खतरनाक हालात पर पहुंच चुके यूक्रेन और रूस युद्ध को लेकर ज्यादातर देश यही उम्मीद लगा रहे हैं कि अब ये संघर्ष जल्द खत्म हो जाना चाहिए। जंग के हालात पर पैनी नजर रख रहे ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि ‘क्वाड' सदस्य देश यूक्रेन में रूस के हमलों पर भारत के रुख से सहमत हैं। ऑस्ट्रेलिया ने यह भी कहा है कि इस युद्धग्रस्त देश में संघर्ष खत्म करने की अपील करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संपर्कों और पहुंच का उपयोग करने पर किसी देश को आपत्ति नहीं हो सकती।
सूत्रों ने कहा कि, "किसी ने भी भारत पर यूक्रेन में जो हो रहा है उसका समर्थन करने का आरोप नहीं लगाया है। ऐसा लगता है कि भारत 65 साल पहले नेहरू द्वारा बताई गई नीति के तहत काम करने की कोशिश कर रहा है। भारत में नियुक्त ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘क्वाड देशों ने भारत के रुख को स्वीकारा है।
उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि हर देश के अपने द्विपक्षीय संबंध हैं और यह विदेश मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री मोदी की खुद की इन टिप्पणियों से स्पष्ट है कि उन्होंने यूक्रेन संकट को खत्म करने की अपील करने के लिए अपने संपर्कों का उपयोग किया है. और यकीनन कोई भी देश इससे नाखुश नहीं होगा। '
बता दें भारत रूस की आलोचना करने से बच रहा है वहीं भारत के क्वाड पार्टनर्स अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की जमकर निंदा कर रहे हैं। ऐसे में भारत से भी उम्मीदें की गई कि वो इस मसले पर अलग रूख अख्तिर करेगा लेकिन रूस के साथ पुरानी दोस्ती के चलते भारत अभी तक रूसी सेना के हमले पर सीधी प्रतिक्रिया देना से बचता दिखा है।