Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Oct, 2017 02:43 PM
3 साल में मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा वादे अर्थव्यवस्था से जुड़े किए थे। उनमें से कई वादे उन्होंने पूरे किए जिसका असर भारत की इकोनॉमी पर पड़ा। भ्रष्टाचार को खत्म करने के वादों पर अमल करते हुए मोदी ने जीएसटी और नोटबंदी जैसे कड़े फैसले लिए जिससे देश में...
नेशनल डेस्क: 3 साल में मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा वादे अर्थव्यवस्था से जुड़े किए थे। उनमें से कई वादे उन्होंने पूरे किए जिसका असर भारत की इकोनॉमी पर पड़ा। भ्रष्टाचार को खत्म करने के वादों पर अमल करते हुए मोदी ने जीएसटी और नोटबंदी जैसे कड़े फैसले लिए जिससे देश में नर्म-गर्म का माहौल बन गया। जिसका लाभ उठाकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रही है अब इन्ही हमलों के बीच मोदी सरकार को विश्व बैंक की ‘फेमस ईज ऑफ डूइंग’ रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट अगर सरकार के पक्ष में आती है तो निसंदेह इसे सरकार भुनाने का काम करेगी। अगर इसका उलटा हुआ तो विपक्ष के हमले और जोरदार हो जाएंगे।
क्या है ‘फेमस ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस रिपोर्ट
दरअलस 31 अक्तूबर को विश्व बैंक की ‘फेमस ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस रिपोर्ट आने वाली है। माना जा रहा है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2018 रिपोर्ट में भारत की रैकिंग सुधर सकती है। यह रैंकिंग बताती है कि आपके देश में बिजनेस करना कितना आसान है। पिछले साल के सर्वे में भारत 130वें पायदान पर था। केंद्र सरकार ने पिछले 1 साल में इकोनॉमिक रिफॉर्म से जुड़े कई बड़े कदम उठाए हैं। इसमें देश का ऐतिहासिक टैक्स रिफॉर्म डीआईपीपी भी शामिल है।
विदेशी निवेश मामले में भारत बना नंबर वन
विदेशी निवेश के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़कर नंबर एक देश बन चुका है। सूत्रों के मुताबिक, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से अब तक देश में करीब 170 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आ चुका है। सुरेश प्रभु ने हाल ही में कहा था कि देश को जल्द ही अच्छी खबर मिलने वाली है। वहीं डीआईपीपी के सेक्रेटरी रेमेश अभिषेक के मुताबिक, विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस रिपोर्ट 31 अक्टूबर को आने वाली है। हमें उम्मीद है कि देश की रैंकिंग में सुधार देखने को मिलेगा।
रैंकिंग से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
अगर भारत की रैंकिंग में सुधरती है तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। रैंकिंग से पता चलता है कि देश में बिजनेस करना कितना आसान है। साथ देश में निवेश का सेंटिमेंट भी बढ़ाता है। विदेशी कंपनियों की नजर भी इस रिपोर्ट पर रहती है। अच्छी रैंकिंग वाले देश में ही विदेशी कंपनियां कारोबार करने के लिए आती हैं, जिससे रोजगार के नए मौके पैदा होते हैं। सबसे ज्यादा बेरोगारी के मुद्दे पर घिरी मोदी सरकार के लिए बढ़ी हुई रैंकिंग विपक्ष को करारा जवाब देने का काम करेगी।