प्रधानमंत्री के दौरे से वायनाड में भूस्खलन से बचे लोगों में जगी उम्मीद, PM को बताया अपना दुख

Edited By Parveen Kumar,Updated: 10 Aug, 2024 08:47 PM

pm s visit raises hopes among wayanad landslide survivors

वायनाड के मुंडक्कई गांव में आए विनाशकारी भूस्खलन में जीवित बचे अयप्पन के पास अब कुछ भी नहीं बचा है-न घर, न परिवार और न ही कोई भविष्य।

नेशनल डेस्क : वायनाड के मुंडक्कई गांव में आए विनाशकारी भूस्खलन में जीवित बचे अयप्पन के पास अब कुछ भी नहीं बचा है-न घर, न परिवार और न ही कोई भविष्य। लेकिन शनिवार को राहत शिविर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई मुलाकात ने इस बुजुर्ग व्यक्ति में नई उम्मीद जगा दी है। इस आपदा में अपने नौ रिश्तेदारों को खोने वाले इस बुजुर्ग व्यक्ति को अब एक नया आश्रय मिलने की उम्मीद है। अयप्पन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिविर से हम 12 लोगों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। बच्चे भी थे। वहां एक व्यक्ति था जो हर चीज का अनुवाद कर रहा था। मैंने बस एक घर मांगा। उन्होंने हर तरह की मदद का आश्वासन दिया।''

भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान मोदी ने राहत शिविरों में रह रहे चुनिंदा लोगों और चिकित्सकों से मुलाकात की और मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मोदी से बातचीत करने वाले अयप्पन ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सारी बातें बताईं। अयप्पन ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि मेरे परिवार के नौ सदस्य मारे गए हैं। हमने अपनी जमीन खो दी, लेकिन जमीन मुद्दा नहीं है-मैंने अपना परिवार खो दिया।'' अयप्पन ने कहा, ‘‘जब मैंने अपने नुकसान के बारे में बताया तो प्रधानमंत्री ने मुझे गले लगा लिया।'' अयप्पन ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि शिविर छोड़ने के बाद क्या करना है, क्योंकि भूस्खलन में उनका मकान भी नष्ट हो गया।

इस बीच, प्रधानमंत्री से मिलने वाली मेडिकल टीम में शामिल डॉ. चार्ली ने उन्हें शिविर में रहने वालों की स्थिति और उनके सामने आने वाली मनोवैज्ञानिक समस्याओं और सदमे के बारे में जानकारी दी। चार्ली ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) शिविर में रहने वालों की स्थिति, ठीक होने वालों की संख्या, उन्नत उपचार और लोगों के समक्ष आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली।'' इससे पहले, मोदी ने भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला में पैदल चलकर आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भी चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया। केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 226 लोगों की मौत हो गई। क्षेत्र में 130 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं।

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