जानिए कौन हैं ब्रू शरणार्थी, जिन्हें बसाने के लिए केंद्र देगी 600 करोड़ रुपए

Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Jan, 2020 12:38 PM

pm welcomes agreement to permanently settle bru refugees in tripura

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रू-रियांग शरणार्थियों को त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसाने के लिए किए गए समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उन्हें ‘‘बड़ी मदद'''' मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बहुत...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रू-रियांग शरणार्थियों को त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसाने के लिए किए गए समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उन्हें ‘‘बड़ी मदद'' मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बहुत मदद मिलेगी। मोदी ने यह भी कहा कि इससे ब्रू-रियांग शरणार्थियों को सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। बता दें कि गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के साथ ही ब्रू शरणार्थी समस्या का समाधान निकाल लिया गया है।

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शाह ने बताया कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा इसके लिए 600 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया है। ब्रू शरणार्थी पर मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “वास्तव में यह दिन खास है। उन्होंने ट्वीट किया कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर और वहां के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बहुत मदद मिलेगी। उन्हें अनगिनत विकास योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। ये विस्थापित ब्रू आदिवासी 1997 से त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में शरणार्थियों के रूप में रह रहे थे।

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कौन हैं ब्रू शरणार्थी
ब्रू शरणार्थी कहीं बाहर के नहीं बल्कि अपने ही देश के शरणार्थी हैं, जिन्हें ब्रू (रियांग) जनजाति भी कहते हैं। मिजोरम में मिजो जनजातियों का कब्जा बनाए रखने के लिए मिजो उग्रवाद ने कई जनजातियों को निशाना बनाया जिसे वो बाहरी समझते थे। साल 1995 में यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने ब्रू जनजाति को बाहरी घोषित कर दिया। अक्तूबर 1997 में ब्रू लोगों के खिलाफ जमकर हिंसा हुई, जिसमें दर्जनों गांवों के सैंकड़ों घर जला दिए गए। ब्रू शरणार्थियों ने मिजोरम से आकर त्रिपुरा में शरण ली और वह सभी कंचनपुर, उत्तरी त्रिपुरा में अस्थाई कैंपों में रखे गए। तभी से ब्रू लोग जान बचाने के लिए रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं।

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मिलेंगी ये सुविधाएं

  • समझौते के तहत अब ब्रू शरणार्थियों को कई मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी।
  • अब इनको 2 साल के लिए 5000 रुपए प्रति माह की नकद सहायता और दो साल तक मुफ्त राशन भी दिया जाएगा।
  • ब्रू शरणार्थियों को 4 लाख रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के साथ 40 से 30 फुट का प्लॉट भी मिलेगा।
  • मकान और 4 लाख रुपए के अलावा कई अन्य तरह की सुविधाएं दी जाएंगी, यहीं नहीं उन्हें वोटर लिस्ट में भी जल्द शामिल किया जाएगा।

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