Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jul, 2018 10:45 AM
एनफोर्समैंट डायरैक्टर (ई.डी.) करनैल सिंह और वित्त सचिव हसमुख अधिया के बीच बड़ी जंग छिड़ गई है। दोनों अधिकारी प्रधानमंत्री (पी.एम.ओ.) के करीबी समझे जाते हैं। अगर हसमुख अधिया गुजरात कैडर के आई.पी.एस. अधिकारी हैं और प्रधानमंत्री के सबसे विश्वासपात्र...
नेशनल डेस्कः एनफोर्समैंट डायरैक्टर (ई.डी.) करनैल सिंह और वित्त सचिव हसमुख अधिया के बीच बड़ी जंग छिड़ गई है। दोनों अधिकारी प्रधानमंत्री (पी.एम.ओ.) के करीबी समझे जाते हैं। अगर हसमुख अधिया गुजरात कैडर के आई.पी.एस. अधिकारी हैं और प्रधानमंत्री के सबसे विश्वासपात्र व्यक्ति माने जाते हैं तो करनैल सिंह को पी.एम.ओ. ने निदेशक के प्रतिष्ठित पद पर तैनात कर रखा है। यह जंग ई.डी. में संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह के मामले को लेकर छिड़ी है जिन्हें अधिया उनके पद से हटाना चाहते हैं। इस जंग ने उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब राजेश्वर सिंह ने फिर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन की और करनैल सिंह ने उनको एयरसैल मैक्सिस का संवेदनशील मामला फिर जांच के लिए सौंप दिया।
रोचक बात यह है कि यह सब कुछ इस तथ्य के बावजूद हुआ कि उच्चतम न्यायालय ने सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए सरकार को अनुमति दे रखी है। इस तरह सिंह के खिलाफ जांच जारी रहेगी और सिंह संवेदनशील मामलों की बड़े पैमानों पर जांच करते रहेंगे। यह बात देखने योग्य है कि सुप्रीम कोर्ट में पी.आई.एल. पर कार्रवाई इस वर्ष 10 अप्रैल को एक व्यक्ति अनिल गलगली की तरफ से पी.एम.ओ. को मिली शिकायत के बाद की गई जिसमें आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रामेश्वर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं जो राजेश्वर सिंह के भाई हैं तथा सूरत में तैनात हैं।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि 2जी मामले के आरोपी व्यक्तियों से रिश्वत में लिया गया धन कुछ निजी बिजनैसमैन के जरिए उनको दिया गया था। करनैल सिंह इस वर्ष 27 अक्तूबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं जबकि अधिया 3 नवम्बर को पद मुक्त होंगे। उन्हें कैबिनेट सचिव नहीं बनाया गया है।