ऑफ द रिकॉर्डः PMO में सुधार की कवायद

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Oct, 2018 01:17 PM

pmo reform drill

ऐसा दिखाई देता है कि आगामी आम चुनावों के मद्देनजर पीएमओ में सुधार किए जाने की संभावना है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी उन कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं, जिनका मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

नेशनल डेस्कः ऐसा दिखाई देता है कि आगामी आम चुनावों के मद्देनजर पीएमओ में सुधार किए जाने की संभावना है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी उन कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं, जिनका मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। वह ऐसे अधिकारी चाहते हैं, जो इन परियोजनाओं पर सतर्कतापूर्ण नजर रखें। मोदी के पीएमओ में अपने कुछ विश्वासपात्र अधिकारी मौजूद हैं जिनमें नृपेन्द्र मिश्रा, पी.एम. मिश्रा और अजीत डोभाल शामिल हैं। दो अधिकारियों को शामिल किए जाने की संभावना है। एक अतिरिक्त सचिव रैंक और दूसरा जूनियर सचिव स्तर का।

1987 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी डा. टी.वी. सोमनाथन पी.एम.ओ. में वापस आ सकते हैं। अब बड़ा प्रश्र यह है कि क्या वित्त और राजस्व सचिव हसमुख अधिया नवम्बर में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पी.एम.ओ. में जाएंगे या नहीं? यद्यपि अधिया ने प्राइवेट तौर पर कहा है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्ति चाहेंगे। वह कैबिनेट सचिव के पद के दावेदार थे मगर मोदी ने उन्हें वित्त मंत्रालय में ही रखने का फैसला किया। अब दो विकल्प हैं या तो अधिया को मई-जून में होने वाले अगले आम चुनावों तक वित्त मंत्रालय में अपने पद पर बने रहने के लिए कहा जा सकता है या उन्हें राज्य मंत्री के रैंक में ओ.एस.डी. बनाया जाए। प्रधानमंत्री की हाल ही के विवादों के बाद पी.एम.ओ. में प्रतिभाशाली अधिकारियों को शामिल करने की रुचि है। इस विवाद ने यह संदेश भेजा है कि साऊथ ब्लॉक में सब कुछ ठीक नहीं है।

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