जहरीली हुई हवा- सांस रोगी सावधान, खासतौर से बच्चों का रखें ख्याल

Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jun, 2018 12:35 PM

poisonous air of deadly delhi

दिल्ली के वातावरण में छाई धूल ने राजधानी की फिजा को जहरीला बना दिया है। ऐसे में जरा-सी लापरवाही लोगों को सिर्फ बीमार नहीं बल्कि बहुत बीमार बना सकती है। पिछले दो दिनोंं के दौरान दिल्ली एक तरह से डस्ट चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। विशेषज्ञों ने लोगों,...

नई दिल्ली: दिल्ली के वातावरण में छाई धूल ने राजधानी की फिजा को जहरीला बना दिया है। ऐसे में जरा-सी लापरवाही लोगों को सिर्फ बीमार नहीं बल्कि बहुत बीमार बना सकती है। पिछले दो दिनोंं के दौरान दिल्ली एक तरह से डस्ट चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। विशेषज्ञों ने लोगों, खासतौर से सांस के मरीजों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है। ऐसे मरीजों को घर की खिड़कियां बंद रखने की सलाह दी गई है और बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलने को कहा गया है। राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों में पिछले दो दिनों के दौरान सांस और प्रदूषण से संबंधित मरीजों की तादाद में 20 प्रतिशत इजाफा हुआ है।
PunjabKesari

खासतौर से बच्चों का रखें ख्याल 
इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के कंसलटेंट, पीडिएट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलोजी विभाग के डॉ. विद्युत भाटिया ने बताया कि गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। ऐसे में बच्चे विशेष सक्रिय रहते हैं। राजधानी के मौसम को देखते हुए उन्हें गर्मी से बचाना बेहद जरूरी है।

  • बच्चे को दिनभर हाइडे्रट रखने की कोशिश करें। उन्हें विशेषतौर से नारियल पानी, फ लों के रस, सिट्रस फ ल, लस्सी, छाछ और फ लों की स्मूदीज का सेवन कराएं।
  • बच्चे को कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से दूर रखें। इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। वहीं शरीर में शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
  • बच्चों को तेल और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रखें।
  • ऐेसे मौसम में आम, लीची, केला, तरबूज, खरबूजा, प्लम और चैरी जैसे फल बेहद लाभदायक होते हैं। जहां तक हो सके तेज धूप से दूर रखें।
  • धूप में रहने से सनस्ट्रोक हो सकता है। इस मौसम में बच्चों के कपड़े आरामदायक होने चाहिए।
  • उनकी आंखों को धूल, मिट्टी और गर्मी से बचा सकते हैं।

PunjabKesari

बच्चों को न करें कार में बंद  
माता-पिता बच्चों को धूप से बचाने के लिए कार में कुछ देर बंद कर देते हैं। ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जो हादसों में तब्दील हो गई हैं। लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि बंद जगह पर तापमान जल्दी बढ़ता है। जबकि कार का तापमान और भी ज्यादा तेजी से बढ़ता है। कार की मेटलिक बॉडी बंद होने पर तेजी से तापमान बढ़ता है। ऐसे में बच्चों का सांस लेना मुश्किल हो सकता है। PunjabKesari
धूलकण और प्रदूषण के दुष्प्रभाव से लोगों को नेजल इंजरी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि कई मरीज छाती में दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। मैक्स अस्पताल के डॉ. रजनीश मल्होत्रा ने बताया कि धुंध जैसे हालात के कारण बीमार मरीजों की ओपीडी में 20 प्रतिशत तादाद बढ़ गई है। अस्पताल आने वाले मरीजों में से 85 प्रतिशत मरीज 40 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। डॉक्टरों के मुताबिक दिल्ली के वातावरण की मौजूदा स्थिति आंखों के लिहाज से भी खतरनाक साबित हो सकती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय चौधरी ने बताया कि आंखों के मरीजों की तादाद भी बढ़ रही है। हवा में मौजूद धूलकण आंखों में प्रवेश करने के बाद संक्रमण की वजह बन रहा है। एम्स में भी सामान्य दिनों के मुकाबले मरीजों की तादाद में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। प्लमोनरी विभाग के डॉ. करण मदान के मुताबिक मौजूदा वातावरण में प्रदूषित कणों से बचना आसान नहीं रह गया है। इससे लोगों के फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं।
PunjabKesari
सफदरजंग अस्पताल में लगातार बढ़ रही है मरीजों की तादाद 
सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर (डॉ.) जुगल किशोर ने भी दिल्ली की मौजूदा स्थिति को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक करार दिया है। उन्होंने सांस रोगियों को बिना जरूरत घर से बाहर निकलने से मना किया। इसके साथ ही इंडोर-प्रदूषण से बचाव रखने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि घर के अंदर मौजूद पर्दे, कारपेट, बिस्तर के साथ पालतू जानवरों के बालों में धूल कण फंस जाते हैं।  उन्होंने बताया कि सोमवार से बुधवार के बीच रोजाना करीब 200 से 250 मरीज ओपीडी में आए। जबकि सामान्य दिनों के दौरान मरीजों का आंकड़ा 200 से कम ही रहता है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!