Edited By Monika Jamwal,Updated: 18 Sep, 2018 03:26 PM
वर्ष 1947 के विभाजन में बिछड़े पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के 40 निवासी अपने परिवार के लोगों से मुलाकात करने कारवां-ए-अमन बस सेवा से मंगलवार को यहां पहुंचे जबकि केवल नौ कश्मीरी अपने परिजनों से मिलने सीमा पार गये।
श्रीनगर : वर्ष 1947 के विभाजन में बिछड़े पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के 40 निवासी अपने परिवार के लोगों से मुलाकात करने कारवां-ए-अमन बस सेवा से मंगलवार को यहां पहुंचे जबकि केवल नौ कश्मीरी अपने परिजनों से मिलने सीमा पार गये। श्रीनगर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफराबाद के बीच चलने वाली कारवां-ए-अमन बस से सोमवार को 50 लोग अपने परिजनों के साथ समय बिताने के बाद अपने वतन को लौट गये थे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीओके से 17 महिलाओं और छह बच्चों समेत 40 नये अतिथि कल शाम नियंत्रण रेखा पर उरी में स्थित अंतिम भारतीय सैनिक चौकी ‘कमान पोस्ट’पहुंच गये थे। दो महिलाओं समेत पांच कश्मीरी जो पीओके गये थे वहां रुकने के बाद वापस लौट आये हैं। पांच महिलाओं और एक बच्चा समेत नौ कश्मीरी अपने परिवार के लोगों से मुलाकात करने उस पार (पीओके) गये हैं जबकि पीओके से आये 16 महिलाओं और 13 बच्चों समेत 45 लोग भी अपने घरों को लौट चुके हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली को लेकर शुरु की गयी इस बस से अबतक हजारों लोगों को अपने बिछड़े परिजनों से मुलाकात करने में को मदद मिली है। वर्ष 2005 में शुरू की गयी कारवां-ए-अमन बस से बिना पासपोर्ट के यात्रा परमिट के आधार पर बस से सीमा के आर-पार की यात्रा की जा सकती है।