Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 12:20 PM
मौत की ‘ब्लू वेल चैलेंज’ एक नई मुसीबत बनकर सामने आई है। तमाम प्रयासों के बाद भी यह सरकार...
नई दिल्ली: मौत की ‘ब्लू वेल चैलेंज’ एक नई मुसीबत बनकर सामने आई है। तमाम प्रयासों के बाद भी यह सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। इसे रोकने के लिए चेन्नई पुलिस ने पैरंट्स को अडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि वे अपने बच्चों के सोशल मीडिया ऐक्टिविटी पर जरूर ध्यान रखें। पुुलिस ने कहा कि लगभग 50 दिन तक चलने वाले इस खेल में खिलाड़ी को 50 टास्क्स करने होते हैं, जिनमें से कई में खुद को नुकसान भी पहुंचाना होता है। इस खेल के आखिर में खिलाड़ी सुइसाइड कर लेता है।
बच्चों के साथ बिताएं वक्त
अडवाइजरी में साफ कहा गया कि इसका एकमात्र मकसद बच्चों में गेम की वजह से आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति और नुकसान को खत्म करना है। यदि किसी पैरंट्स को अपने बच्चे में असामान्य गतिविधि का पता चले तो तुरंत कदम उठाएं। पुलिस ने अपनी अडवाइजरी में पैरंट्स से अपील की है कि वे बच्चों के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताएं। यदि बच्चे के शरीर में कोई असामान्य जख्म मिले तो यह इस खतरनाक गेम खेलने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में अपने बच्चों का ध्यान रखें और उनको तभी इंटरनेट का इस्तेमाल करने दें, जब आपको लगे कि वह पूरी तरह सुरक्षित है।
इस गेम को रोकने की केंद्र सरकार कर चुकी है मांग
‘ब्लू वेल चैलेंज’ गेम साल 2013 में सबसे पहले रूस में सामने आया। करीब 4 साल में इसने दुनिया भर में 250 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। कुछ दिनों पहले मुंबई में भी एक किशोर ने खुदकुशी कर ली थी। इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में 13 साल के एक लड़के ने अपने घर में पंखे से लटककर फांसी लगा ली। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी ‘ब्लू वेल चैलेंज’ खेलने वाले बच्चों पर दुष्प्रभावों की शिकायत के बाद इस गेम पर रोक लगाते हुए प्रमुख सर्च इंजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स को यह गेम डाउनलोड करने से संबंधित लिंक हटाने को कहा था।