कृषि बिल को लेकर उफान पर सियासी संग्राम, विपक्ष का संसद परिसर में प्रोटेस्ट, राष्ट्रपति से भी मिलेंगे

Edited By Yaspal,Updated: 23 Sep, 2020 05:50 PM

political struggle over the agitation over agriculture bill

संसद से पारित किसान बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जंग छिड़ी हुई है। इस बिल को लेकर राज्यसभा में जमकर बवाल और नारेबाजी हुई थी, जिसके बाद 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद ही समूचे विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों का बहिष्कार किया हुआ...

नई दिल्लीः संसद से पारित किसान बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जंग छिड़ी हुई है। इस बिल को लेकर राज्यसभा में जमकर बवाल और नारेबाजी हुई थी, जिसके बाद 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद ही समूचे विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों का बहिष्कार किया हुआ है। आज शाम को ही विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी। इस बीच संसद परिसर में सभी विपक्षी पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी के हाथ में किसान बचाओ प्लेकार्ड भी थे। प्रदर्शन में कांग्रेस के जयराम रमेश, गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन समेत कई विपक्षी नेता मौजूद थे। संसद परिसर में विपक्षी पार्टियों के नेताओँ ने गांधी मूर्ति से लेकर अंबेडकर मूर्ति तक मार्च भी निकाला।

बता दें कि किसान बिल को लेकर कुल 16 पार्टियों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। बुधवार शाम की मुलाकात के दौरान सिर्फ पांच पार्टियों के नेता मिलेंगे, क्योंकि कोरोना संकट है इसलिए कम लोगों को जाने की मंजूरी मिली है। हालांकि, ये सभी नेता सभी विपक्षी पार्टियों की चिंताएं व्यक्त करेंगे। इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा, डीएमके और टीआरएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे।


कांग्रेस कृषि विधेयकों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन भी करेगी। सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद के सी वेणुगोपाल ने कहा था कि इन विधेयकों के खिलाफ किसानों और गरीब लोगों के दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाने के लिए पार्टी अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ देशभर में श्रृंखलाबद्ध तरीके से प्रेसवार्ता भी आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता अपने-अपने राज्यों में रैली निकालेंगे और संबंधित राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेंगे। इस दौरान, कांग्रेस ने कृषि विधेयकों के संबंध में शिरोमणि अकाली दल पर ''दोहरे नीति'' का आरोप लगाते हुए पूछा कि वे सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग क्यों नहीं हो रहे हैं? कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल संसद में पारित किए गए कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार दे रहे हैं।

 

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