नायपॉल के निधन पर पीएम मोदी, कोविंद समेत कई राजनीतिज्ञों ने जताया शोक

Edited By vasudha,Updated: 12 Aug, 2018 04:28 PM

politicians expressed condolences over the naipaul death

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक वी एस नायपॉल के निधन पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन को अक्षरों की दुनिया की अपूर्णीय क्षति’’ बताया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेखन की दुनिया के लिए...

नेशनल डेस्क: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक वी एस नायपॉल के निधन पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन को अक्षरों की दुनिया की अपूर्णीय क्षति’’ बताया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेखन की दुनिया के लिए इसे बड़ा नुकसान बताया। उपनिवेशवाद, आदर्शवाद, धर्म और राजनीति पर आलोचनात्मक लेखन के लिए प्रसिद्ध नायपॉल का 85 साल की उम्र में निधन हो जाने की जानकारी आज सुबह उनके परिवार ने दी।  


नायपॉल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें वर्ष 1971 में मिला ‘मैन बुकर प्राइज’ और वर्ष 1990 में साहित्यिक योगदान के लिए मिली ‘नाइटहुड’ की उपाधि शामिल है। उन्हें 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। कोविंद ने ट्वीट में कहा कि वी एस नायपॉल के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनकी किताबें कैरिबियाई द्वीप में उनके घर और उससे परे विश्वास, उपनिवेशवाद और मानवीय अवस्था की गहरी खोज करती हैं।  उन्होंने लिखा कि यह अक्षरों की दुनिया और भारतीय-आंग्ल साहित्य के वृहत् स्कूल का नुकसान है।


प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि सर वी एस नायपॉल को उनके विस्तृत लेखन के लिए याद किया जाएगा जिसमें इतिहास, संस्कृति, उपनिवेशवाद, राजनीति और अन्य विभिन्न विषयों पर लेखन कार्य शामिल हैं। उन्होंने लिखा कि उनका जाना साहित्य जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं शुभचिंतकों के साथ हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लेखक के निधन पर शोक जताया और कहा कि दुनिया ने एक प्रतिभाशाली रचनाकार खो दिया।  


कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्विटर पर नायपॉल के निधन पर शोक जताया।  उन्होंने लिखा कि आपने तीक्ष्ण अवलोकन, रचनात्मकता और अक्सर आलोचनात्मक चित्रण से विश्व को प्रभावित एवं आर्किषत करने वाले साहित्य के प्रतिभाशाली व्यक्ति और आधुनिक दर्शनशास्त्री तथा नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार वी एस नायपॉल के निधन पर मेरी संवेदनाएं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट किया कि प्रख्यात लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता वी एस नायपॉल के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवाद, प्रवासन और ब्रिटिश साम्राज्य से जुड़े खुलासे करने वाला उनका साहित्यिक कार्य अनुकरणीय और सोचने पर मजबूर कर देता है।


राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता प्रख्यात लेखक वी एस नायपॉल के निधन से बहुत दुखी हूं। उपनिवेशवाद, पूर्व उपनिवेश को स्वतंत्र कराने और विकासशील देश के संघर्ष पर किए गए उनके प्रेरक कार्य ने एक सूत्र में कई चीजों को बांधा। विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल का जन्म 17 अगस्त 1932 को त्रिनिदाद में एक भारतीय हिंदू परिवार में हुआ था। 18 साल का होने पर वह छात्रवृत्ति हासिल कर ऑक्सफोर्ड में पढऩे के लिए चले गए। यूनिर्विसटी कॉलेज, ऑक्सफोड में पढ़ाई करने के बाद वह इंग्लैंड में बस गए थे। 
 

 

 

 

 

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