Edited By shukdev,Updated: 06 Jun, 2018 05:21 PM
राज्य सरकार द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक , गोवा के प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर उचित सीमा को पार कर गया है। वास्को शहर , पर्यटन के लिए मशहूर इस तटीय राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीएसपीसीबी)...
पणजी : राज्य सरकार द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक , गोवा के प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर उचित सीमा को पार कर गया है। वास्को शहर , पर्यटन के लिए मशहूर इस तटीय राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीएसपीसीबी) ने 2017-18 की अपनी वाॢषक रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि पणजी , पोंडा , मापूसा और मडगांव जैसे शहरों में प्रदूषण स्तर उचित सीमा से ज्यादा है।
मंगलवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया। जीएसपीसीबी द्वारा किए गए अध्ययन में , पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर इन शहरों में ग्राह्य स्तर से काफी ज्यादा पाया गया है। गोवा अपने सुरम्य समुद्र तटों के लिए जाना जाता है , जिसे प्राय : भारत की समुद्र तटीय राजधानी कहा जाता है। गोवा में दो जिले - दक्षिण गोवा और उत्तर गोवा हैं। यह राज्य भारत के दो अन्य राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक से सटा हुआ है।
पीएम या पाॢटकुलेट मैटर (अभिकणीय पदार्थ) पृथ्वी के वायुमंडल में फैले अति सूक्ष्म कण के रूप में ठोस या तरल पदार्थ है। पीएम जलवायु को प्रभावित करने के साथ ही मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वेक्षण के दौरान वास्को में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है। वास्को डि गामा में बंदरगाह भी है। जीएसपीसीबी ने पणजी , मापूसा , वास्को और मडगांव में इसके लिए वाहनों के बढ़ती संख्या को जिम्मेदार माना है , जिसके चलते इन जगहों पर वायु प्रदूषण में काफी इजाफा हुआ है।