Edited By vasudha,Updated: 01 May, 2021 03:42 PM
कोविड-19 वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारत के लिए सहायता बढ़ाने के अमेरिका सरकार के प्रयासों के बीच, भारतीय जन स्वास्थ्यसेवा विशेषज्ञ डॉ. मृणालिनी दरसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी एवं दवा उद्योग के क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के...
नेशनल डेस्क: कोविड-19 वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारत के लिए सहायता बढ़ाने के अमेरिका सरकार के प्रयासों के बीच, भारतीय जन स्वास्थ्यसेवा विशेषज्ञ डॉ. मृणालिनी दरसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी एवं दवा उद्योग के क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कोविड-19 पर ध्यान केंद्रित करते हुए जन स्वास्थ्य में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही भारतीय लोक सेवक डॉ. दरसवाल ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘इस संकट से उबरने के बाद भारत और अमेरिका के बीच जिन दो क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, उनमें स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी एवं दवा उद्योग शामिल है।’’
2002 बैच की ओडिशा काडर की आईएएस अधिकारी दरसवाल ने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र, खासकर नवोन्मेष एवं विनिर्माण में अपनी योग्यता साबित की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए यह लाभकारी है कि वह भारत की दवा बनाने की क्षमता और प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमताओं का लाभ उठाए । दरसवाल ने कहा कि इससे चीन पर अमेरिका की निर्भरता भी कम होगी, जो विश्वासघाती सहयोगी साबित हुआ है, जिसे कोविड-19 की उत्पत्ति छुपाने और ग्रह को इस मुश्किल परिस्थिति में पहुंचाने का कोई पछतावा नहीं है।