इशरत जहां केस में आरोपी रहे पांडे गुजरात मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष बनाए गए

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 07:02 PM

pp pandey became the chairman of the gujarat human rights commission

इशरत जहां मामले में आरोपी रहे गुजरात के पूर्व डीजीपी पीपी पांडे को गुजरात सरकार ने मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

नई दिल्ली: गुजरात में एक विवादास्पद कदम के तहत सूबे के पूर्व डीजीपी पीपी पांडे को गुजरात मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। पीपी पांडे जब सूबे के डीजीपी थे तब उनपर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे थे। पांडे को आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर गुजरात सरकार के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। मुंबई की रहने वाली इशरत का 13 साल पहले 15 जून, 2004 को एनकाउंटर हुआ था। हालांकि जांच में पाया गया कि एनकाउंटर फर्जी था। बाद में पीपी पांडे को जेल की हवा तक खानी पड़ी थी।

इससे पहले पीपी पांडे जब आईपीएस थे तब उन्हें राज्य सरकार ने विस्तार दिया गया था।राज्य सरकार के इस फैसले को सुपर कॉप जूलियो रिबेरो ने अदालत में चुनौती दी थी। अपनी याचिका में रिबेरो ने तर्क दिया कि 4 लोगों की हत्या के आरोपी को राज्य पुलिस का प्रमुख नहीं बनाया जा सकता। जिसके बाद पीपी पांडे ने इस साल अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान पद छोडऩे के पांडे के प्रस्ताव को मानते हुए कोर्ट ने उन्हें पदमुक्त करने का आदेश दिया।

पांडे के इस्तीफे के साथ ही गुजरात सरकार ने बयान देते हुए कहा कि उन्हें पद से तुरंत मुक्त किया जाता है। इससे पहले पांडे को प्रदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का निदेशक बनाया गया। उसके बाद उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन देते हुए पिछले साल अप्रैल में प्रभारी पुलिस महानिदेशक बनाया गया। हालांकि पांडे इस पद पर ज्यादा दिन नहीं रह सके लेकिन अब गुजरात सरकार ने उन्हें मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बना दिया है।

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