Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 08:15 PM
जट गुरुवार को पेश हो संसद में पेश होगा। इसके पहले ही देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के एक बयान ने फिर से सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। प्रणव मुखर्जी ने अपने बयान में कहा है कि कांग्रेस के वित्त मंत्रियों और अर्थशास्त्रियों ने देश की...
नेशनल डेस्क: आम बजट गुरुवार को संसद में पेश होगा। इसके पहले ही देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के एक बयान ने फिर से सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। प्रणव मुखर्जी ने अपने बयान में कहा है कि कांग्रेस के वित्त मंत्रियों और अर्थशास्त्रियों ने देश की अर्थव्यवस्था बदलने में महतवपूर्ण योगदान दिया। मुखर्जी ने कहा है कि पी. चिदंबरम, मनमोहन सिंह और मोंटेक सिंह अहलुवालिया भारत की अर्थव्यवस्था को संवारने वाले तीन वास्तुकार रहे हैं।
चिदंबरम की किताब हुई लांच
मुखर्जी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की किताब, 'स्पीकिंग ट्रुथ टू पावर' के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि चिदंबरम ने मौजूदा समय में प्रोफेशनल तरीके से हिंसा, धीमी विकास गति और बेरोजगारी के लक्षणों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि यह चिदंबरम ने साहस का काम किया है।
संसद नहीं चलाना देश से धोखाधड़ी
मुखर्जी ने समारोह में कहा कि जब उन्हें इस किताब के उद्घाटन के लिए बुलाया गया तो वह चौंक गए थे। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने संसद में व्यवधान पैदा करने को देश के लोगों के साथ धोखाधड़ी बताया है। उन्होंने कहा कि लोगों से वोट मांगे बिना कोई भी संसद में नहीं आता है और अगर यहां आकर संसद को बाधित करना सही नहीं है। अपनी किताब के उद्घाटन के मौके पर चिदंबरम ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और सहनशीलता के मामले में भारत नीचे से चौथे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि अगर सच नहीं बोला गया तो यह अपने पूर्वजों के साथ धोखा होगा।