पूर्व राष्ट्रपति ने RSS को पढ़ाया देशभक्ति का पाठ

Edited By vasudha,Updated: 07 Jun, 2018 09:04 PM

pranab mukherjee reached the rss program

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सहिष्णुता, एकता तथा विविधता को भारत की सबसे बड़ी पहचान बताते हुए कहा कि हमें ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जहां लोगों के भीतर डर नहीं हों और सब एकजुट होकर देश की तरक्की के लिए काम करें। मुखर्जी ने महाराष्ट्र के...

नेशनल डेस्क: पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सहिष्णुता, एकता तथा विविधता को भारत की सबसे बड़ी पहचान बताते हुए कहा कि हमें ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जहां लोगों के भीतर डर नहीं हों और सब एकजुट होकर देश की तरक्की के लिए काम करें। मुखर्जी ने महाराष्ट्र के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) मुख्यालय में संघ शिक्षा वर्ग के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संविधान ने सभी को समान अधिकार दिए हैं और हमारी प्राचीन तथा गौरवशाली संस्कृति ने भी हमें एक सूत्र में बंधे रहने की शिक्षा दी है। महात्मा गांधी ने अहिंसा को सबसे बडा हथियार बनाया और कहा कि था कि राष्ट्रवाद आक्रामक नहीं होना चाहिए। 

आधुनिक भारत के निर्माता पंडित नेहरू ने भी सबको मिलकर साथ रहने और आगे बढने की शिक्षा दी है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के राष्ट्रवाद में वैश्विकता की भावना है। हमने दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। हमारे राष्ट्रवाद में पूरी दुनिया के सुख की कामना की गयी है। भारत हमेशा एक खुली सोच का समाज रहा है और इसका प्रमाण हमारे धर्मग्रंथ और हमारी संस्कृति में है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि 5000 साल से कोई हमारी एकता को नहीं तोड पाया। 


 
मुखर्जी तंग गलियों से गुजरते हुए उस मकान तक पहुंचे जहां हेडगेवार पैदा हुए थे। मकान में प्रवेश से पहले उन्होंने अपने जूते उतारे। वहां आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उनका स्वागत किया। सूत्रों के अनुसार हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने से जुड़ी मुखर्जी की यह यात्रा उनके निर्धारित कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी और पूर्व राष्ट्रपति ने अचानक ऐसा करने का निर्णय लिया। मुखर्जी कल शाम नागपुर पहुंचे थे। आरएसएस ने उन्हें अपने शिक्षा वर्ग को संबोधित करने तथा स्वयंसेवकों के परेड का निरीक्षण करने के लिए निमंत्रित किया था।    यह संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित होने वाला तीसरे वर्ष का वार्षिक प्रशिक्षण है।आरएसएस अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण शिविर लगाता है।     PunjabKesari
आरएसएस के कार्यक्रम में जाने के मुखर्जी के फैसले से पहले ही राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। कई कांग्रेस नेताओं ने उनके फैसले की निंदा की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पूर्व राष्ट्रपति द्वारा नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाने के प्रति अपनी नाखुशी प्रकट की और कहा कि उनसे उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी।  कल मुखर्जी की बेटी र्शिमष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि उनके पिता आरएसएस के कार्यक्रम में भाषण देने के अपने फैसले से भाजपा और आरएसएस को झूठी खबरें फैलाने का मौका दे रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया था कि उनका भाषण बिसार दिया जाएगा केवल तस्वीर ही बची रह जाएगी। उन्होंने उम्मीद की कि पूर्व राष्ट्रपति अहसास करेंगे कि भाजपा का ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ कैसे काम करता है और उन्होंने ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने के परिणामों को लेकर उन्हें चेताया।

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