Edited By Yaspal,Updated: 28 Mar, 2020 08:25 PM
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का फैसला जल्दबाजी लिया गया है। लोगों के लिए उपचार और देखभाल जैसी सुविधाएं गैर मौजूद है। कोविड-19 के प्रति भारत की प्रतिक्रिया को बेहतर...
नेशनल डेस्कः चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का फैसला जल्दबाजी लिया गया है। लोगों के लिए उपचार और देखभाल जैसी सुविधाएं गैर मौजूद है। कोविड-19 के प्रति भारत की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
पूर्व जेडीयू नेता किशोर ने ट्वीट किया, 'हमारे सभी आशावाद के लिए, कड़वा सच यह है कि कोविड-19 के प्रति भारत की प्रतिक्रिया बेहतर होने की आवश्यकता है ना कि सिर्फ हड़बड़ाहट में लॉकडाउन को थोप देना। एक करोड़ लोगों पर केवल 10 की जांच और जरूरतमंद लोगों के लिए कोविड-19 के उपचार और देखभाल के लिए सुविधाओं का नहीं होना। भारत इससे बेहतर का हकदार है।'
अपने ट्वीट में, किशोर ने लॉकडाउन के बाद प्रवासियों द्वारा सामना की जा रही कठिनाइयों पर प्रकाश डाला और उनकी दुर्दशा के को लेकर सरकार पर हमला बोला है। गौरतलब हो कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भाजपा और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की लगातार आलोचना और एनपीआर और एनआरसी पर तीखी टिप्पणी के कारण पार्टी से उनका निष्कासन हुआ।
इससे पहले उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया था कि दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोग लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं। नीतीश कुमार जी जब दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार सरकार इन लोगों को इनके घरों तक पहुंचाने अथवा जहां ये लोग हैं वहीं कुछ फौरी राहत की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है? एक दूसरे ट्वीट में प्रशांत किशोर ने ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए।
उससे पूर्व पीएम मोदी के लॉकडाउन फैसले की आलोचना करते हुए किशोर ने ट्वीट किया था कि क्या 21 दिन लॉकडाउन करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण है जिससे कोरोना के खिलाफ जंग जीती जा सके? बिना टेस्टिंग, आइसोलेशन और चिकित्सा के कोरोना को कैसे रोका जा सकेगा। प्रशांत किशोर ने कहा था कि लॉकडाउन से लक्ष्य हासिल होगा कि नहीं यह तो पता नहीं पर इससे लोगों की जिंदगी और रोजी-रोटी जरूर बर्बाद हो जाएगी।