Edited By Riya bawa,Updated: 04 Apr, 2020 11:48 AM
कोरोना वायरस के मामलों के बीच इसके इलाज के अनुसंधान भी तेज़ हो रहे है। ऐसे में इन मामलों की पहचान...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मामलों के बीच इसके इलाज के अनुसंधान भी तेज़ हो रहे है। ऐसे में इन मामलों की पहचान के लिए कोविड-19 हॉटस्पॉट या ऐसे इलाके जहां सबसे ज्यादा मामले मिले हैं, वहां के लोगों का ‘एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट’ किया जाएगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपने अंतरिम एडवाइजरी में कोरोना से प्रभावित इलाकों में रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट कराने का सुझाव दिया है।
आरटी और पीसीआर से होगी संक्रमित मामलों की पुष्टि
कोरोना संकट से निपटने को लेकर गठित नेशनल टास्क फोर्स की गुरूवार की बैठक में यह फैसला ये फैसला लिया गया है। आईसीएमआर ने अंतरिम एडवाइजरी में कहा, ज्यादा प्रभावित इलाकों के लोगों की जांच रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिये की जा सकती है। संक्रमित पाए मामलों की पुष्टि गले या नाक से लिए नमूनों के आरटी-पीसीआर से की जाएगी।
प्राथमिक ड्राफ्ट तैयार होते शुरू होगा काम
कोरोना जांच नकारात्मक मिलने पर लोगों को घर पर क्वारंटीन रहना होगा। एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट अन्य ब्लड टेस्ट की तरह है और इसका नतीजा 15 से 30 मिनट में आ जाता है। इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में 20 हॉटस्पॉट की पहचान की थी, जहां कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले में मिले हैं। वहीं, 22 ऐसे स्थानों की भी पहचान की गई है, जो इस सूची में शामिल हो सकते हैं। इनकी पहचान के बाद ये काम शुरू किआ जाएगा। इस से अस्पतालों को चिकित्सा कर्मियों को कोरोना के इलाज़ में सहायक होने के आसार है।