Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Sep, 2018 02:57 PM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू 7 से 9 सितंबर तक विदेश दौरे पर थे, उनकी यात्रा को लेकर अब विदेश मंत्रालय में राजनयिक कैलेंडर की अनदेखी का मामला उठा है। दरअसल परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों महामहिमों में से...
नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू 7 से 9 सितंबर तक विदेश दौरे पर थे, उनकी यात्रा को लेकर अब विदेश मंत्रालय में राजनयिक कैलेंडर की अनदेखी का मामला उठा है। दरअसल परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों महामहिमों में से कोई एक ही विदेश दौरे पर जा सकता है और एक पीछे से कामकाज को देखता है। लेकिन इस बार दोनों महामहिम एकसाथ देश से बाहर थे। विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अनदेखी कैसे कर दी इस पर भी सवाल खड़े हो रहे क्योंकि ऐसे दौरों का कार्यक्रम यही मंत्रालय देखता है। किसी आकस्मिक परिस्थिति की संभावना के मद्देनजर ऐसा प्रोटोकॉल तैयार किया गया है कि दोनों महामहिम एकसाथ विदेशी दौरे पर न हो और इसका ध्यान विदेश मंत्रालय ही रखता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति कोविंद अपनी तीन देशों की सात दिवसीय यात्रा पूरी कर रविवार रात को स्वदेश लौट आए तो वहीं उप राष्ट्रपति नायडू शिकागो की यात्रा पर हैं, जहां वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा आयोजित विश्व हिंदू कांग्रेस के आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं इस मामले में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति मध्य एशिया के तीन देशों- साइप्रस, बुल्गारिया और चेक रिपब्लिक के राजकीय दौरे पर थे।
लेकिन उपराष्ट्रपति की शिकागो यात्रा राजकीय नहीं थी औऱ न ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस की ओर से उनको कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया था। अधिकारी यह भी बताने में असमर्थ रहे कि क्या शिकागो यात्रा के लिए संघ या भाजपा ने उपराष्ट्रपति को निमंत्रण भेजा था और क्या विदेश मंत्रालय को इस यात्रा की जानकारी थी।