जूठे बर्तन धोने वाला रियाज अब भरेगा ऊंची उड़ान, राष्ट्रपति कोविंद ने पूरा किया सपना

Edited By vasudha,Updated: 31 Jul, 2020 04:31 PM

president kovind presented a racing bicycle to riyaz

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने युवाओं को राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रेरित करने वाले रियाज़ नामक स्कूली बच्चेे को रेसिंग साइकिल भेंट की तथा उसे शुभकामना दी कि वह साइकिल रेसिंग का अंतरराष्ट्रीय चैम्पियन बने और कठोर मेहनत के बल पर अपना सपना साकार करे।...

नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने युवाओं को राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रेरित करने वाले रियाज़ नामक स्कूली बच्चेे को रेसिंग साइकिल भेंट की तथा उसे शुभकामना दी कि वह साइकिल रेसिंग का अंतरराष्ट्रीय चैम्पियन बने और कठोर मेहनत के बल पर अपना सपना साकार करे। रियाज़ का सपना एक उत्कृष्ट साइक्लिस्ट बनने का है। ईद-उल-जुहा से एक दिन पहले रियाज़ को दी गई यह साइकिल, सही मायनों में उसके लिए ईद के त्योहार पर मिली ‘ईदी' जैसी है। 

 

रियाज़ की कहानी समाज के गरीब वर्ग से आने वाले उन संघर्षशील युवाओं के लिए बहुत शिक्षाप्रद है, जो अपने भावी जीवन के लिए बड़े सपने देखने का साहस करते हैं। मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला रियाज दिल्ली के आनंद विहार स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में कक्षा नौ का छात्र है। उसके परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहनें और एक भाई है। ये बहन-भाई मधुबनी में ही रहते हैं, जबकि रियाज़ गाजियाबाद के महाराजपुर में किराये के मकान में रहता है। उसके पिता रसोइया के रूप में काम करते हैं।

 

 उनकी मामूली आमदनी को सहारा देने के लिए रियाज़, अपने खाली समय में गाजियाबाद के एक भोजनालय में जूठे बर्तन धोने का काम भी करता है। रियाज़ को साइक्लिंग से जुनून की हद तक प्यार है और पढ़ाई तथा काम से फुरसत मिलते ही वह कठिन अभ्यास में जुट जाता है। वर्ष 2017 में, उसने दिल्ली स्टेट साइक्लिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। गाजि़याबाद के जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि उसने गुवाहाटी में आयोजित स्कूली खेल स्प़र्धा में भाग लिया और राष्ट्रीय स्तर पर चौथी रैंक हासिल की। अपनी अब तक की उपलब्धियों से उत्साहित होकर रियाज़ ने अपने लिए एक बड़ा लक्ष्य तय किया है और प्रमोद शर्मा नाम के कोच से पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त करने लगा है। 

 

वह नियमित रूप से दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में प्रशिक्षण लेता है। दुर्भाग्य से, अभ्यास के लिए उसके पास एक ही स्पोट्र्स साइकिल है, जो किसी ने उसे उधार में दी है। इस नवोदित चैंपियन की एकमात्र इच्छा यही थी कि अभ्यास के लिए उसके पास अपनी खुद की साइकिल हो और अंतत:, ईद उज जुहा के इस अवसर पर उसकी यह इच्छा भी पूरी हो गई, जब मीडिया में आई खबरों के माध्याम से राष्ट्र पति को रियाज़ के संघर्ष के बारे में पता चला। राष्ट्रपति ने यह विश्वास व्यक्त किया कि उसकी कहानी, देश के युवाओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने समर्पण, कड़ी मेहनत, साहस और कर्तव्यनिष्ठा के बल पर राष्ट्रनिर्माण में जुटने के लिए आगे आना चाहिए।
 

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