‘स्वच्छ भारत’ होगा बापू को सबसे बड़ा उपहार: कोविंद

Edited By Anil dev,Updated: 29 Sep, 2018 04:22 PM

president ram nath kovind swachh bharat mahatma gandhi

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को देश की आत्मा और आवाज बताते हुए शनिवार को कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर खुले में शौच से मुक्त स्वच्छ भारत उन्हें सबसे बड़ा उपहार होगा।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को देश की आत्मा और आवाज बताते हुए शनिवार को कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर खुले में शौच से मुक्त स्वच्छ भारत उन्हें सबसे बड़ा उपहार होगा।  कोविंद  ने यहां ‘महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’ का उद्घाटन करते हुए कहा, महात्मा गांधी स्वच्छता के सार्वभौम अधिकार के प्रथम प्रवर्तक थे। उनके लिए मानव मात्र का आत्म सम्मान काफी महत्वपूर्ण था। वह स्वच्छता और आजादी तथा आत्म सम्मान की वृहद धारणा के बीच संबंध स्थापित करने वाले शुरुआती लोगों में थे। कोविंद ने कहा कि जिस प्रकार करोड़ों देशवासियों ने ‘स्वच्छ भारत’ के सैनिक के रूप में इस अभियान में हिस्सा लिया, वह राष्ट्रपिता के लिए निश्चित रूप से गौरव का विषय होता। यदि हम दो अक्टूबर 2019 को बापू की 150वीं जयंती पर देश का पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त कर सकें तो यह हमारी ओर से उनके लिए सबसे बड़ा उपहार होगा।  खुले में शौच से मुक्ति को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में भी स्थान मिला है। 

स्वच्छता दुनिया के कई देशों के लिए बड़ी चुनौती
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2030 तक पर्याप्त और सबके लिए समान स्वच्छता दुनिया के कई देशों के लिए बड़ी चुनौती है। स्वच्छता और खुले में शौच को समाप्त करने के दूरगामी प्रभाव होंगे। ये महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक निवेश हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ साबुन से हाथ धोने से ही डायरिया की आशंका 40 प्रतिशत और श्वसन संबंधी संक्रामक बीमारियों की आशंका 30 प्रतिशत कम हो जाती है। गौर करने वाली बात यह है कि देश में बच्चों की सबसे ज्यादा मौतें इन्हीं बीमारियों से होती हैं। कोविंद ने कहा कि शौचालयों तथा उचित हाइजिन तथा स्वच्छता का अभाव जीवनपर्यंत नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए अन्य देशों की तरह भारत में भी युवा आबादी और मानव संसाधन का अधिकतम लाभ लेने के लिए ‘स्वच्छ भारत’ जैसा अभियान महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि बालिकाओं और महिलाओं के लिए स्थिति और गंभीर है।

देश में स्वच्छता की दिशा में हुई है काफी प्रगति 
उन्होंने कहा घरों, कार्यस्थलों और विद्यालयों में शौचालयों के अभाव के कारण हमारी बेटियों पर अस्वीकार्य दबाव पड़ता है। हमें सुनिश्चित करना चाहिये कि कोई बालिका सिर्फ विद्यालय में शौचालय न होने की वजह से पढ़ाई न छोड़े। राष्ट्रपति ने बताया कि पिछले चार साल में देश में स्वच्छता की दिशा में काफी प्रगति हुई है। स्वच्छता का कवरेज 39 से बढ़कर करीब 95 प्रतिशत पर पहुंच गया है। देश के 699 में से 503 जिले, 4041 में 3,622 शहरी स्थानीय निकाय और 4,87,445 गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं।  उन्होंने सम्मेलन में आए विदेशी प्रतिनिधियों को विश्वास दिलाया कि भारत ‘स्वच्छ भारत’ के अपने अनुभव उनके साथ साझा करने के लिए तैयार है। स्वच्छता में सुधार किसी एक देश का लक्ष्य नहीं है, यह मानव जाति का प्रारंध है।  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!