Edited By Sonia Goswami,Updated: 08 Jul, 2018 08:32 AM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भले ही भारत की शिक्षा व्यवस्था दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी व्यवस्था हो लेकिन देश में उच्च शिक्षा तक पहुंच अब भी विशेष सुविधा है।
पणजीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भले ही भारत की शिक्षा व्यवस्था दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी व्यवस्था हो लेकिन देश में उच्च शिक्षा तक पहुंच अब भी विशेष सुविधा है। उन्होंने कहा कि नए संस्थानों का गठन कर उच्च शिक्षा व्यवस्था के विस्तार में भारत ने काफी बढ़त हासिल की है लेकिन बड़ी चुनौती गुणवत्ता में सुधार लाना है।
कोविंद दोना पाउला में गोवा विश्वविद्यालय के 30 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। कोविंद ने कहा , ‘‘ मैं युवा लड़के - लड़कियों से आग्रह करता हूं कि ध्यान रखें कि भारत में उच्च शिक्षा अब भी विशेष सुविधा है। ऐसे अनगिनत नागरिकों के योगदान से गोवा विश्वविद्यालय जैसे संस्थान चल रहे हैं जिनमें से कई आपको व्यक्तिगत रूप से जानते तक नहीं होंगे। ’’ उन्होंने कहा कि सरकार एवं अन्य संबंधित पक्षों की तरफ से काफी जोर है कि उच्च शिक्षा को समग्र एवं विस्तारपरक बनाया जाए। भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था है और यहां सबसे ज्यादा युवा आबादी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी सहित कई नए संस्थान बनाए जा रहे हैं ताकि उच्च शिक्षा को जनमानस तक पहुंचाने के राष्ट्रीय संकल्प को पूरा किया जा सके। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों से अपील की कि उद्योगों एवं अन्य संस्थानों के साथ भागीदारी कर सरकार पर अपनी निर्भरता को कम करें।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपनी निष्ठा से समझौता किए बगैर धन की व्यवस्था खुद करनी चाहिए। कोविंद ने कहा कि सरकार पर निर्भरता की परंपरा रही है लेकिन भौतिक बाध्यताओं के साथ ही विश्वविद्यालयों की बढ़ती जरूरतों को भी समझा जाना चाहिए।