बिना डिग्री के पारंपरिक इलाज करने वालों की प्रैक्टिस पर लगी रोक

Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Apr, 2018 08:16 AM

prevention of practicing traditional treatment without degree

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी स्वीकृत या अनुमोदित योग्यता के किसी व्यक्ति को इस आधार पर देसी तरीके से मरीजों का इलाज करने की इजाजत नहीं दी जा सकती कि वह उनका पुश्तैनी काम है। किसी भी पेशे या व्यवसाय को अपनाने के मौलिक अधिकार का यह कतई मतलब नहीं...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी स्वीकृत या अनुमोदित योग्यता के किसी व्यक्ति को इस आधार पर देसी तरीके से मरीजों का इलाज करने की इजाजत नहीं दी जा सकती कि वह उनका पुश्तैनी काम है। किसी भी पेशे या व्यवसाय को अपनाने के मौलिक अधिकार का यह कतई मतलब नहीं है कि बिना स्वीकृत योग्यता के लोगों को देसी इलाज करने की अनुमति दी जाए।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि बिना अपेक्षित योग्यता के बगैर किसी भी पारंपरिक या किसी अन्य तरीके से इलाज करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश में झोलाछाप डाक्टरों की चल रही दुकानदारी पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है।

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