500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को नया जीवन दे रहे तमिलनाडु जेल के कैदी, जानें कैसे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 11:05 PM

prisoners of tamil nadu prison working on notes of old 500 and 1000 rupees

एक विरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 25-30 प्रशिक्षित कैदी रोजाना जेल के अंदर ही हस्त निर्मित कागज बनाने वाली मशीन से फाइल पैड बना रहे हैं। इन लेखन सामग्रियों का इस्तेमाल राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और...

चेन्नईः नोटबंदी के बाद बेकार पुरानी करेंसी को नया जीवन मिला है। तमिलनाडु की पुझाल सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी पुरानी करेंसी से लेखन सामग्री (नोट पैड) तैयार कर रहे हैं। 

एक विरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 25-30 प्रशिक्षित कैदी रोजाना जेल के अंदर ही हस्त निर्मित कागज बनाने वाली मशीन से फाइल पैड बना रहे हैं। इन लेखन सामग्रियों का इस्तेमाल राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में किया जा रहा है। 

तमिलनाडु जेल विभाग के डीआईजी ए मुरुगेसन ने बताया कि रिजर्व बैंक ने पुझाल जेल अधिकारियों को 70 टन पुरानी करेंसी देने का प्रस्ताव दिया है। अब तक नौ टन करेंसी दी जा चुकी है। बाकी चरणबद्ध तरीके से मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तक डेढ़ टन प्रतिबंधित नोट से फाइल पैड बनाया जा चुका है। जेल में रोजाना ऐसे 1000 नोट पैड बनाए जा रहे हैं।

पुराने नोट से पहले लुगदी बनाई जाती है। उसके बाद एक सांचे में डालकर उसे ठोस आकार देकर नोट पैड बनाए जाते हैं। यह सारा काम हाथ से ही पूरा किया जाता है। कैदियों को महीने में 25 दिन नोट पैड बनाने का काम दिया जाता है। कुशल, अर्ध कौशल के आधार पर आठ घंटे रोजाना काम के लिए उन्हें 160 से 200 रुपये तक दिए जाते हैं।

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